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आसमान में उड़ते हवाई जहाज को देखकर अक्सर खुद उड़ान भरने और हवाई जहाज उड़ाने का सपना अमूमन हर बच्चे के मन में एक बार जरूर आता है. हालांकि पायलट बनना आसान तो नहीं है लेकिन एक बार ट्रेनिंग करने के बाद जिंदगी के साथ-साथ करियर को भी नई ऊंचाइयां मिलती रहती है. आईए जानते हैं एक पायलट बनने के लिए क्या करना होता है, कब उसे रिटायर किया जाता है और उसे नौकरी के दौरान कितनी सैलरी मिलती है.

 

दो तरीकों से बन सकते हैं पायलट

भारत में पायलट बनने के दो मुख्य तरीके हैं. इनमें एक सिविल एविएशन का रास्ता है जबकि दूसरा इंडियन एयरफोर्स या इंडियन डिफेंस फोर्सज के जरिए होकर जाता है. फिजिक्स केमेस्ट्री और मैथ्स में 12वीं पास कर पायलट ट्रेनिंग कोर्स कर सकते हैं. वायु सेना के पायलट की ट्रेनिंग लेने के लिए एनडीए परीक्षा पास कर सकते हैं. इसके अलावा फिटनेस और मेडिकल सर्टिफिकेट भी देना होता है.

 

 

एनडीए परीक्षा पास कर बन सकते हैं फाइटर पायलट

भारतीय रक्षा बलों के लिए प्रतियोगी प्रवेश परीक्षाओं को पास कर पायलट बना जा सकता है. एनडीए की कठोर प्रवेश प्रक्रिया से शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों को राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला में 3 साल के लिए प्रशिक्षित किया जाता है. इसके बाद पायलट हेलीकॉप्टर या फाइटर प्लेन उड़ा सकता है.

 

इन टॉप पायलट स्कूल से ले सकते हैं प्र​शिक्षण

मूल रूप से पायलट चार प्रकार के होते हैं. एयरलाइन पायलट (Airline Pilot), कॉमर्शियल पायलट (Commercial Pilot), फाइटर पायलट (Fighter Pilot) और चार्टर पायलट (Charter Pilot). देश के कई पायलट ट्रेनिंग स्कूल प्लेन उड़ाने का प्र​शिक्षण देते हैं. टॉप पायलट स्कूलों में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान अकादमी, बॉम्बे फ्लाइंग क्लब, राजीव गांधी अकादमी ऑफ एविएशन टेक्नोलॉजी, मध्य प्रदेश फ्लाइंग क्लब, नेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट्स का नाम शामिल है.

 

 

65 साल होती है रिटायरमेंट की उम्र


भारत में पायलट की रिटायरमेंट उम्र 65 साल है. सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने हाल ही में इसे बढ़ाया है. इससे पहले तक रिटायरमेंट की उम्र 58 साल होती थी. रिटायरमेंट उम्र की यह सीमा डीजीसीए द्वारा तय की जाती है. इसी के बाद एयर इंडिया जैसी कंपनियों ने भी अपने पायलटों की रिटायरमेंट उम्र को पांच साल के लिए बढ़ा दिया था.

 

कितनी मिलती है सैलरी

 

पायलट की शुरुआती सैलरी लगभग डेढ़ लाख रुपये से शुरू होती है. इसके बाद करियर और एक्सपीरियंस के साथ ही यह सैलरी बढ़ती जाती है. प्राइवेट सेक्टर में सैलरी एयरलाइन कंपनी और पायलट के अनुभव व फ्लाइंग हॉर्स के अनुभव के आधार पर बढ़ती जाती है जो कि बीस लाख तक हो सकती है.

 

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