What Is Sky Bus Service Know Everything Here About This System Which Is Going To Be Launched Soon In India


Sky Bus Service: भारत में स्काई बस को लेकर एक बार फिर चर्चा शुरू हो गई है. भारत के केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि उनकी इच्छा है कि देश में जल्द स्काई बस सिस्टम को शुरू किया जाए. हाल ही में एक वीडियो आया था, जिसमें वह स्काई बस परियोजना को देखते हुए नजर आ रहे थे. दिल्ली से गुरुग्राम के बीच इस परियोजना को चलाए जाने का अनुमान है. अगर इसकी शुरुआत हो जाती है तो मेट्रो और ट्रैफिक की भीड़ में कुछ सुधार देखने को मिलेगा. इसकी शुरुआत भारत में कब हुई? क्या इससे पहले इस तरह की किसी परियोजना को सरकार ने मंजूरी दी थी. स्काई बस काम कैसे करता है. इन सभी सवालों का जवाब आज की स्टोरी में आपको मिलेंगे. 

स्काई बस क्या है?

स्काई बस मेट्रो के समान एक सस्ता, इको-फ्रेंडली शहरी पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम है. हालांकि, इसमें एक ऊंचा ट्रैक होता है जिसके नीचे केबल या कारें लटकी होती हैं. स्काई बस जर्मनी में वुपर्टल श्वेबेबैन या एच-बान ट्रांसपोर्ट सिस्टम के समान है. स्काई बसें लगभग 100 किमी/घंटा की स्पीड से यात्रा कर सकती हैं और बिजली से चल सकती हैं. इसे मेट्रो की तुलना में कम महंगे नागरिक बुनियादी ढांचे की भी आवश्यकता होती है और इसे चलाना अपेक्षाकृत सस्ता है. स्काई बस का यह उल्टा विन्यास गाड़ी के पहियों और पटरियों को एक संलग्न कंक्रीट बॉक्स में अविभाज्य रूप से बांधने के लिए गुरुत्वाकर्षण का लाभ उठाता है, जिससे पटरी से उतरने या पलटने की संभावना समाप्त हो जाती है और खर्च भी कम आता है.

भारत में स्काई बस ट्रांसपोर्ट सिस्टम का इतिहास

पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने 2003 में नए साल के उपहार के रूप में गोवा के लिए एक स्काई बस परियोजना की घोषणा की थी. हालांकि, 100 करोड़ रुपये की यह परियोजना शुरू नहीं हो पाई. पहले चरण के तहत पायलट प्रोजेक्ट में मापुसा को पणजी से जोड़ा जाना था, जिसका प्रारंभिक मार्ग 10.5 किमी लंबा था. हालांकि, 2016 में कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन ने स्काई बस परियोजना को रद्द कर दिया क्योंकि यह बिजनेस के लिहाज से उस समय ठीक नहीं बैठ रही थी.

ये भी पढ़ें: क्या होता है AQI जिससे पता चलता है पॉल्यूशन लेवल, ऐसे करता है काम



Source link

x