What-is-the-opinion-of-the-youth-regarding-outsourced-recruitment-in-the-center-and-state – News18 हिंदी


पंकज सिंगटा/शिमला: हिमाचल प्रदेश सहित केंद्र सरकार में आउटसोर्स पर युवाओं को भर्ती किया जाता है. सरकार नियमित तौर पर भर्तियां करने की बजाए कॉन्ट्रैक्टर के माध्यम से युवाओं को भर्ती करती है. युवा काम तो सरकारी विभागों में करते है. लेकिन कर्मचारी किसी निजी फर्म के होते है. ऐसे में युवा नियमित होने की आस लिए आउटसोर्स पर भर्ती हो जाते है. इससे न तो युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियां कर पाते है और न ही नियमित हो पाते है. वहीं, इससे युवाओं का भविष्य भी खराब होता है. आउटसोर्स पर भर्तियों को लेकर लोकल 18 ने युवाओं से बात की, जिस पर युवाओं ने कहा कि आउटसोर्स पर भर्तियां नहीं होनी चाहिए.

यामिनी ठाकुर ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि आउटसोर्स पर भर्तियां नहीं होनी चाहिए. कई ऐसे युवा है, जो सिविल सर्विसेज की तैयारियों करते है. लेकिन, आर्थिक स्थिति के कारण युवाओं को आउटसोर्स पर भर्ती होना पड़ता है. आउटसोर्स पर कुछ समय तक नौकरी करने के बाद उन्हें निकाल दिया जाता है. इससे न उनकी सिविल सर्विसेज की तैयारियों पूरी हो पाती है और न ही उनके पास नौकरी रहती है. वहीं, चेतना ने बताया कि आउटसोर्स पर भर्तियां होना ठीक नहीं है. आउटसोर्स पर नौकरी स्थाई नौकरी नहीं है. यदि निजी फर्म को अच्छे लोग मिलेंगे, तो पुराने लोगों को नौकरी से हटा दिया जाएगा. इस लिए आउटसोर्स पर भर्तियां नहीं होनी चाहिए, इससे बेहतर प्राइवेट नौकरी है.

आउटसोर्स नहीं रोजगार का परमानेंट साधन
रोहित नेगी ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि केंद्र सरकार और प्रदेश सरकार में आउटसोर्स पर होने वाली भर्तियां ठीक नहीं है. युवाओं को दिया जाने वाला रोजगार परमानेंट होना चाहिए. जबकि आउटसोर्स रोजगार का कोई परमानेंट माध्यम नहीं है. आउटसोर्स पर काम करने वाले लोगों के लिए डायलमा की स्थिति रहती है. वह अपने भविष्य को लेकर असमंजस में रहते है. वहीं, सांझ वर्मा ने बताया कि आउटसोर्स पर पक्की भर्तियां नहीं होती है. इस कारण युवा असमंजस में रहते है. युवा उम्मीद में रहते है कि वह रेगुलर में हो जाएंगे और इस कारण वह प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों नहीं कर पाते है.

Tags: Himachal pradesh news, Hindi news, Latest hindi news, Local18, Shimla News



Source link

x