what is thermobaric rocket that absorb oxygen from atmosphere know the details


Thermobaric Rocket: साइंस ने खूब तरक्की की है. पिछले कुछ दशकों में दुनिया साइंस की मदद से कई नाकाम लगने वाले कामों को अंजाम दे चुकी है. अब लगभग सभी कामों की पुरानी शैलियों में बदलाव हो रहे हैं. और युद्ध की शैली में भी यह बदलाव देखने को मिल रहे हैं. पिछले कुछ सालों से रूस और यूक्रेन में युद्ध चल रहा है. 

दोनों देशों की सेनाएं आपस में लड़ रही हैं. रूस यूक्रेन से बेहद ज्यादा शक्तिशाली है और उसके पास आधुनिक हथियार भी है. रूस इन दिनों यूक्रेन की सेना पर थर्मोबेरिक रॉकेट से हमला कर रहा है. यह ऐसा रॉकेट है जो वातावरण में मौजूद सारी ऑक्सीजन को सोख लेता है. चलिए जानते हैं इसके बारे में. 

क्या होता है थर्मोबेरिक रॉकेट?

थर्मोबेरिक बम होता है. जब इसे रॉकेट में लगाकर फायर किया जाता है. तब यह थर्मोबेरिक रॉकेट कहलाता है. रॉकेट के अलावा टैंक और मिसाइल के जरिए भी से दागा जा सकता है. इसे वैक्यूम बम के नाम से भी जाना जाता है. जैसे ही थर्मोबेरिक रॉकेट दागा जाता है.  ब्लास्ट होने के बाद यह वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन को सोख लेता है. जिससे दुश्मन सैनिक सांस भी नहीं ले पाते. 

जब थर्मोबेरिक का ब्लास्ट होता है. तो उसमें से बेहद तेज प्रेशर वेव निकलती है. जिसके चलते वैक्यूम बन जाता है. अगर कोई इसके आसपास सांस लेता है. तो केमिकल उसकी बॉडी में प्रवेश कर जाता है और शरीर के अंगों को खराब कर देता है. यह केमिकल बेहद जहरीले होते हैं. इससे शरीर बिल्कुल खराब हो जाता है. 

भारत के पास भी है थर्मोबेरिक हथियार 

भारतीय सेना भी आधुनिकता के मामले में दुनिया की बाकी सेनाओं को तगड़ी टक्कर दे रही है. भारतीय सेना के जखीरे में भी थर्मोबेरिक हथियार है. लेकिन भारत में यह फिलहाल अर्जुन टैंक में ही इस्तेमाल किया जाता है. भारत और रूस के अलावा अमेरिका, इंग्लैंड, इजरायल, सीरिया, यूक्रेन, चीन, ब्राज़ील और स्पेन जैसे देश के पास भी थर्मोबेरिक हथियार  मौजूद हैं. 

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