when elections were held through ballot paper how many days did the results take Know how votes were counted


सुप्रीम कोर्ट ने भारत में चुनावों के दौरान ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से मतदान कराने की याचिका को खारिज कर दिया हैसुनवाई के दौरान जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा, जब चंद्रबाबू नायडू या रेड्डी हारते हैं तो वो कहते हैं कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई है लेकिन जब वो जीतते हैं तो वो कुछ नहीं कहते हैं. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वो याचिका को खारिज कर रहा हैइस बीच चलिए जानते हैं कि जब बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाते थे उसके नतीजे कितने दिनों में आते थे और वोटों की गिनती कैसे की जाती थी.

यह भी पढ़ें: Constitution Day: बाबा साहब ने इस चीज को बताया था शेरनी का दूध, कहा- ‘जो पियेगा वो दहाड़ेगा’

कैसे होती थी बैलेट पेपर से वोटों की गिनती?

जब बैलेट पेपर से चुनाव होते थे, तो हर वोटर को एक काग़ज़ पर चुनाव चिह्न के पास एक निशान लगाना होता था. ये बैलेट पेपर फिर एक बैलेट बॉक्स में डाले जाते थे, जिन्हें गिनने के लिए बाद में एक जगह लाया जाता था. वोटों की गिनती का काम काफी समय लेता था और इसमें कई चरण होते थे जैसे वोटों का इकट्ठा करना, इसमें सभी बैलेट बॉक्स को एक जगह पर लाया जाता था, जहां गिनती की प्रक्रिया शुरू होती थी. इसके बाद गिनती की शुरुआत होती थी. इस दौरान पहले बैलेट पेपर को खोला जाता था और यह देखा जाता था कि वोट वैध है या नहीं. अगर कोई गलती हो, जैसे क्रॉस निशान सही जगह पर न होना, तो वह वोट अमान्य माना जाता था. इसके बाद वोटों को सही तरीके से गिना जाता था. इस दौरान फिर सभी बैलेट पेपरों को अलगअलग उम्मीदवारों के लिए गिनते थे. यह प्रक्रिया धीरेधीरे होती थी ताकि किसी भी वोट की गिनती में गलती न हो. वोटों की गिनती के दौरान सुरक्षा बहुत महत्वपूर्ण होती थी. हर पार्टी के एजेंट मौजूद रहते थे ताकि गिनती सही तरीके से हो.

यह भी पढ़ें: 315 बोर की राइफल यूपी सरकार में कौन-कौन करता है इस्तेमाल, जानें इसके लिए क्या हैं नियम?

नतीजे आने में लग जाते थे इतने दिन

जब बैलेट पेपर से चुनाव होते थे तो वोटों की गिनती में समय लगता था. इसके पीछे कई कारण थे. पहला लंबी गिनती, इसमें कई बार लाखों वोटों को गिनने में काफी समय लगता था. वहीं हर चुनाव क्षेत्र में अलगअलग बैलेट पेपर होते थे और सभी की गिनती करनी पड़ती थी. इसलिए नतीजे आने में वक्त लगता था. इसके अलावा बैलेट पेपर की गिनती मैन्युअल होती थी, यानी इंसानों द्वारा. ऐसे में गलती होने का डर भी रहता था और समय भी ज्यादा लगता था. ऐसे में बैलेट पेपर से चुनाव के नतीजे आने में आमतौर पर 2-3 दिन लग जाते थे. हालांकि अगर कोई तकनीकी समस्या या विवाद होता, तो नतीजों में और समय भी लग सकता था.

यह भी पढ़ें: एलन मस्क ने अमेरिकी चुनाव पर ली चुटकी, जानें US में वोटों की गिनती में क्यों लग जाते हैं कई दिन



Source link

x