Where are the detention camps in the country know against whom they are used
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार जारी है. इसको लेकर भारत के लोग भी आक्रोशित हैं. यही कारण है कि एक बार फिर से देश में रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकालने की मांग तेजी से उठी है. इतना ही नहीं महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडनवीस ने तो मुंबई में डिटेंशन कैंप खोलने के ऐलान किया है. अब सवाल ये है कि देशभर में कितने डिंटेशन कैंप हैं और यहां पर कौन रहता है.
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रोहिंग्या मुसलमान को डिटेंशन कैंप में डालने की मांग
बांग्लादेश में हिंदुओं पर जारी अत्याचार और हिंसा के बाद भारत में रोहिंग्या मुसलमानों को देश से बाहर निकालने और डिटेंशन कैंप में डालने की मांग हो रही है. कई राज्यों में जनता सरकार पर रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकालने के लिए भी दबाव बना रही है.
कौन हैं रोहिंग्या?
अब सवाल ये है कि रोहिंग्या मुसलमान कौन हैं? बता दें कि रोहिंग्या मुसलमानों का एक समुदाय है. म्यांमार के रखाइन प्रांत में रोहिंग्या मुसलमानों की एक बड़ी आबादी रहती है. लेकिन दशकों से म्यांमार में इन्हें भेदभाव और उत्पीड़न का शिकार होने पड़ रहा है. वहीं रोहिंग्या मुसलमान दावा करते हैं कि वे म्यांमार के मुस्लिमों के वंसज है, मगर म्यांमार इन्हें बंग्लादेशी घुसपैठिया बताता है. वहीं अंग्रेजी शासन के दौरान बंग्लादेश से इनके म्यांमार आकर बसने का दावा किया जाता है। दूसरी तरफ म्यांमार की सीमा से सटा बांग्लादेश रोहिंग्या समुदाय को अपना मानता ही नहीं है, जिस कारण इन्हें किसी भी देश की नागरिकता नहीं मिल पाई है.
देश में कितने डिटेंशन कैंप?
बता दें कि असम में साल 2012 में वहां की कांग्रेस सरकार ने तीन जेलों के अंदर ही डिटेंशन सेंटर बनाया था. जानकारी के मुताबिक ये डिटेंशन सेंटर गोलपाड़ा, कोकराझार और सिलचर के ज़िला जेलों के अंदर बनाया गया था. इसके अलावा आगे चलकर तीन अन्य डिटेंशन सेंटर तेजपुर, डिब्रूगढ़ और जोरहाट ज़िले की जेल के अंदर बनाए गये थे. इन सभी 6 डिटेंशन सेंटर्स में कुल 1000 अप्रवासियों को रखा जा सकता है. लेकिन इसमें रहने वाले लोगों की संख्या तय सीमा से काफी ज्यादा है.
मुंबई में बनेगा डिटेंशन कैंप?
महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडनवीस ने मुंबई में डिटेंशन सेंटर बनाने की बात कही है. वहीं इस विधेयक पर हुई बहस का जवाब देते हुए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों को डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा. इसके लिए मुंबई में बीएमसी से जमीन मांगी गई है. उन्होंने कहा कि ये विदेशी नागरिक होते हैं,इसलिए इन्हें जेल में नहीं रखा जा सकता है. इस कारण उन्हें डिटेंशन सेंटर में रखा जाएगा.
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