Where is Om Parvat where Om is formed from the hills what is its story


हमारे देश में कई ऐसी जगह मौजूद है, जो आपको आश्चर्य में डाल देती हैं. वहीं कुछ जगहें ऐसी भी मौजूद हैं जो नास्तिकों को भी भगवान के होने का साक्ष्य देती हैं. इन्हीं में से एक है उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में मौजूद ओम पर्वत. जो शिवशक्ति के साक्ष्य को साफसाफ दिखाती है.

कहां है ओम पर्वत?

ओम पर्वत पिथौरागढ़ जिले से 170 किलोमीटर दूर नाभीढांग स्थित है. इस पर्वत को हिंदु धर्म के लोग बेहद खास मानते हैं. कहा जाता है इस पर्वत का सीधा कनेक्शन हिंदु देवता भगवान शिव से है. कहा जाता है इस पर्वत पर कोई भी भगवान शिव की उपस्थिती और आशिर्वाद महसूस कर सकता है. ओम पर्वत के धार्मिक एवं पौराणिक महत्व का वर्णन महाभारत, रामायण एवं वृहत पुराण, जैसे ग्रंथों में मिलता है.

कैलाश मानसरोवर जितना ही है महत्व

ॐ पर्वत यात्रा महज एक जगह की यात्रा नहीं है, बल्कि ये यात्रा अपने आप में बहुत से धार्मिक तीर्थों को समेटे हुए है. कहा जाता है कि स्कंद पुराण के मानस खंड में आदि कैलाश एवं ॐ पर्वत की यात्रा को कैलाश मानसरोवर यात्रा जितना ही महत्व दिया गया है. इस स्थान पर पहुंचकर मनुष्य शून्य हो जाता है और शिव शक्ति का उसे आभास होता है.

हर साल बनती है ओम आकृति

ये पर्वत भारत और तिब्बत की सीमा पर आज भी देखा जा सकता है, जहां हर साल बर्फ से ओम की आकृति बन जाती हैवहीं हिमालय में ओम पर्वत को विशेष स्थान माना जाता है. जिसे आदि कैलाश या छोटा कैलाश के नाम से भी जाना जाता है. इस पर्वत की ऊंचाई समुद्र तल से 6,191 मीटर यानी 20,312 फीट की ऊंचाई पर है. खास बात ये है कि जब इस पर्वत पर सूर्य की पहली किरण पड़ती है तो ओम शब्द आपको अलग ही चमकता हुआ नजर आएगा. जो देखने में बहुत अद्भुत लगता है.         

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