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Who Can Terminate IAS Officers: हमारे देश में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के लिए युवाओं में गजब की दीवानगी रहती है. इस परीक्षा को पास करने के लिए हर साल लाखों कैंडिडेट्स अपना दिन-रात एक कर देते हैं. इस परीक्षा को पास करने के बाद IAS, IPS, IFS और IRS अधिकारी बनते हैं. दरअसल संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास युवाओं की पहली पसंद है क्योंकि इन सेवाओं में पावर के साथ-साथ स्थायित्व है.
क्या आईएस अधिकारी को नौकरी से निकाला जा सकता है?
लेकिन क्या आईएस अधिकारी को नौकरी से निकाला जा सकता है? दरअसल आपको जानकर हैरानी होगी कि आईएस अधिकारी को नौकरी से पूरी तरह निकाला नहीं जा सकता है. हालांकि, इन अधिकारियों को कुछ समय के लिए बर्खास्त जरूर किया जा सकता है, लेकिन पूरी तरह निकाला नहीं जा सकता. आईएस अधिकारी को पूरी तरह निकालने के बजाय बर्खास्त या ट्रांसफर किया जा सकता है.
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इस बाबत भारत का संविधान क्या कहता है?
अब सवाल है कि इस बाबत भारत का संविधान क्या कहता है? दरअसल आईएस अधिकारी को नौकरी से पूरी तरह निकाला नहीं जा सकता है, यह आधा सच है… आपको जानकर हैरानी होगी कि भारतीय संविधान ने एक शख्स को पावर दी है कि वह आईएस जैसे बड़ी रैंक के अधिकारियों को नौकरी से हटा सकता है, लेकिन यह पावर किसके पास है? आईएस अधिकारी को नौकरी से कौन हटा सकता है?
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आईएस अधिकारी को नौकरी से कौन हटा सकता है?
आईएस अधिकारी को नौकरी से राज्य के मुख्यमंत्री या देश प्रधानमंत्री हटा नहीं सकते, बल्कि यह पावर राष्ट्रपति को दिया गया है. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311 (2) में इस बात का जिक्र किया गया है कि अगर कोई ऑफिसर किसी अपराध में दोषी पाया जाता है तो उसकी रैंक कम की जा सकती है या फिर हटाया जा सकता है. भारतीय संविधान के मुताबिक, IAS, IFS और IRS पद के ऑफिसर को ही राष्ट्रपति नौकरी से हटा सकते हैं.
अगर राज्य किसी आईएस अधिकारी रैंक के ऑफिसर को…
राष्ट्रपति के अलावा इन पदों के ऑफिसरों को ना तो यूपीएसी हटा सकता है ना ही पीएम या सीएम… वहीं, अगर राज्य किसी आईएस अधिकारी रैंक के ऑफिसर को संस्पेड करती है तो इसकी जानकारी 48 घंटे के अंदर कैडर कंट्रोल को लेटर भेजकर देनी होती है.
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