who first demanded the creation of Pakistan Know the answer
भारत से अलग होकर पाकिस्तान 1947 में बना था, लेकिन इसके पीछे एक लंबा इतिहास और संघर्ष था. पाकिस्तान बनाने की मांग को लेकर कई नेताओं ने अलग-अलग समय पर आवाज उठाई, लेकिन यह जानना दिलचस्प है कि इस मांग की शुरुआत कब और किसने की थी. इस आर्टिकल में हम जानते हैं कि सबसे पहले पाकिस्तान बनाने की मांग किसने की थी और इस दौरान क्या-क्या महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं, जिनसे पाकिस्तान का जन्म हुआ.
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किसने बनाने की मांग की शुरुआत किसने की थी?
पाकिस्तान बनाने की मांग का इतिहास भारतीय राजनीति और मुस्लिम समुदाय से जुड़ा हुआ है. इस विचारधारा के जनक सर सैयद अहमद खान को माना जाता है. वे 19वीं सदी के महान शिक्षाविद, सामाजिक सुधारक और मुस्लिम नेता थे. सर सैयद ने भारतीय मुस्लिमों के लिए एक अलग पहचान की जरुरत महसूस की, खासकर ब्रिटिश शासन के तहत मुसलमानों की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति को लेकर.
सर सैयद अहमद खान ने दो राष्ट्र सिद्धांत (Two-Country Hypothesis) की नींव रखी, जिसमें उनका मानना था कि हिंदू और मुस्लिम दो अलग-अलग जातियां (नस्लें) हैं, जिनकी संस्कृति, धर्म, और परंपराएं एक-दूसरे से अलग हैं. उनका कहना था कि हिंदू-मुस्लिम एकता से भारत में सामूहिक प्रगति संभव नहीं है और मुसलमानों के लिए एक अलग राजनीतिक पहचान और क्षेत्र की जरुरत है.
जिन्ना ने कैसे उठाई अलग पाकिस्तान बनाने की मांग?
हालांकि सर सैयद अहमद खान के विचार एक विचार बताने वाले थे, पाकिस्तान बनाने की मांग को असल की ओर बढ़ाने का श्रेय मुहम्मद अली जिन्ना को जाता है. जिन्ना जिनका नाम आज भी पाकिस्तान के संस्थापक के रूप में लिया जाता है, इस विचारधारा को एक सशक्त राजनीतिक आंदोलन में बदल दिया.
जिन्ना की शुरुआत कांग्रेस से हुई थी, लेकिन बाद में उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग हो कर All-India Muslim Association (ऑल इंडिया मुस्लिम लीग) की सदस्यता ली. उन्होंने 1930 के दशक में मुस्लिमों के लिए एक अलग राज्य की जरुरत की बात की. वो कहते थे, “हमारे पास एक अलग संस्कृति, धर्म और परंपराएं हैं, इसलिए हमें एक अलग देश चाहिए.” यह विचार धीरे-धीरे मुस्लिम लीग के एक बड़े आंदोलन में बदल गया और 1940 में लाहौर प्रस्ताव (Lahore Goal) में पाकिस्तान बनाने की औपचारिक मांग उठाई गई. इस प्रस्ताव में मुस्लिम लीग ने कहा कि भारत के मुसलमानों के लिए एक अलग राज्य की जरूरत है, जहां वे अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रख सकें.
1947 में पाकिस्तान का गठन
मुहम्मद अली जिन्ना ने 1940 के बाद लगातार पाकिस्तान के लिए संघर्ष किया. उनके नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने एक अलग राज्य के लिए आंदोलन तेज किया. उनका आंदोलन जो पहले मुस्लिमों के लिए खास अधिकारों की बात करता था, अब पाकिस्तान के निर्माण की ओर बढ़ चुका था. यह आंदोलन 1947 में भारत विभाजन का कारण बना. 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता मिली.
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पाकिस्तान बनाने की मांग का असर
पाकिस्तान बनाने की मांग ने भारतीय राजनीति को गहरे तरीके से प्रभावित किया. कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के नेताओं ने इस मांग को कभी स्वीकार नहीं किया, क्योंकि वो भारत की अखंडता में विश्वास रखते थे, लेकिन जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम लीग ने इसे एक मजबूत राजनीतिक आंदोलन बना लिया. पाकिस्तान बनने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच कई युद्ध हुए और दोनों देशों के रिश्ते लगातार तनावपूर्ण बने रहे.
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