Why are airplane windows small what is the reason behind this
आज के वक्त अधिकांश लोग लंबी दूरी का सफर फ्लाइट से करना पसंद करते हैं. फ्लाइट से सफर करने के दौरान व्यक्ति का समय बचता है. फ्लाइट से सफर करने के दौरान फ्लाइट में मौजूद कई सारी चीजों को लेकर मन में सवाल पैदा होता है. जैसे सफर के दौरान आपने ध्यान दिया होगा कि फ्लाइट का विंडो बहुत छोटा होता है. इसके अलावा फ्लाइट का विंडो हमेशा गोल ही क्यों होता है? आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों फ्लाइट का विंडो गोल होता है.
फ्लाइट की खिड़कियां
फ्लाइट में सफर के दौरान आपने ध्यान दिया होगा कि खिड़कियां हमेशा गोल और छोटी होती है. लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं. एविएशन एक्सपर्ट ने इसका जवाब दिया है. एक्सपर्ट के मुताबिक हवाई जहाज 10,000 फीट से ऊपर उड़ते हैं. जहां केबिन का दबाव और तापमान में परिवर्तन काफी ज्यादा होता है. हालांकि फ्लाइट की संरचना ऐसी होती है कि छोटी-छोटी चीजों से फ्लाइट ज्यादा प्रभावित नहीं होते हैं. लेकिन खिड़कियों को हमेशा छोटा रखा जाता है, जिससे केबिन पर दबाव बढ़ने से भी खिड़कियों के कांच पर कोई फर्क नहीं पड़ता है. वहीं आपात स्थिति में भी कम दबाव झेलने की क्षमता बढ़ जाती है.
सिंपल फ्लाइंग की एक रिपोर्ट के मुताबिक विमान की खिड़कियां धड़ का हिस्सा होती हैं. इसलिए उन्हें छोटा रखा जाता है, उन्हें बड़ा करने पर प्लेन की संरचना कमजोर हो जाती है. दरअसल खिड़कियां विमान की सतह पर हवा के सुचारू प्रवाह को बाधित कर देती हैं, जिससे खिंचाव पैदा होगा और दक्षता कम हो जाएगी. इस दौरान अगर कोई छोटी-मोटी बाहरी वस्तु भी टकराती है, तो काफी नुकसान हो सकता है. हालांकि अब कुछ आधुनिक विमान जैसे बोइंग 787 ड्रीमलाइनर में बड़ी खिड़कियां आने लगी हैं.
हवाई जहाज की विंडो गोल
आपने फ्लाइट में सफर के दौरान या फोटोज में देखा होगा कि फ्लाइट की खिड़कियां हमेशा गोल होती हैं. क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं? आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे. दरअसल फ्लाइट की खिड़कियां गोल इस वजह से बनाई जाती हैं, क्योंकि इससे दबाव पूरे विमान पर समान रूप से बना रहता है. जानकारी के मुताबिक 70 साल से भी ज्यादा समय से विमानों में गोल विंडो का इस्तेमाल किया जाता है. हालांकि इससे पहले ऐसा नहीं था, शुरुआती दिनों में फ्लाइट को ऊंचाई पर लेकर जाने के दौरान डिजाइन की वजह से दो हादसे हुए थे. जानकारी के मुताबिक 1940 में विमानों को जब अत्यधिक ऊंचाई पर ले जाने की शुरुआत हुई थी, उस वक्त से गोल विंडो बनाया जाता है.
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