Why are organs weighed in post mortem know the science behind it


पोस्टमॉर्टम के बारे में आप सभी लोगों ने कभी ना कभी सुना ही होगा. किसी भी अप्राकृतिक मौत के बाद नियमों के मुताबिक पोस्टमॉर्टम कराना जरूरी होता है, क्योंकि पोस्टमॉर्टम के जरिए ही पता चलता है कि मौत के पीछे का कारण क्या था. आज हम आपको बताएंगे कि आखिर क्यों पोस्टमॉर्टम के समय अंगों का वजन कराया जाता है‌? 

पोस्टमॉर्टम

बता दें कि पोस्टमॉर्टम मेडिकल सांइस में एक जरूरी प्रकिया होती है. वहीं किसी भी तरह असामान्य मौतों में तो ये रिपोर्ट और कारगर होती है. क्योंकि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के जरिए ये पता चलता है कि मौत किन कारणों हुआ है और इसकी वजह क्या है. आज हम आपको पोर्टमार्टम से जुड़ा सभी जरूरी तथ्य बताएंगे.

क्यों किया जाता है अंगों का वजन?

पोस्टमॉर्टम के दौरान अंगों का वजन किया जाता है. जानकारी के मुताबिक इसका मुख्य उद्देश्य यह होता है कि डॉक्टर यह जान सकें कि कोई अंग सामान्य स्थिति में है या नहीं. सामान्य स्थिति से मतलब है कि अंग का आकार और वजन सामान्य होना चाहिए. अगर किसी अंग का वजन बढ़ा हुआ या घटा हुआ पाया जाता है, तो यह संकेत हो सकता है कि उस अंग में कोई बीमारी या अब्नोर्मलिटी हो सकती है.

वहीं अंगों का वजन करने से डॉक्टरों को यह भी पता चलता है कि व्यक्ति के शरीर में कौन सी स्वास्थ्य समस्याएं थीं. जैसे अगर दिल का वजन सामान्य से ज्यादा है, तो यह हृदय संबंधी समस्याओं का संकेत हो सकता है. इसी तरह अगर लिवर का वजन बढ़ा हुआ पाया जाता है, तो यह लिवर की बीमारियों का संकेत देता है. यही कारण है कि पोस्टमॉर्टम के समय अंगों का वजन किया जाता है. आसान भाषा में समझिए कि अंगों का वजन करने मौत के कारण का पता लगाने में भी मदद मिलती है. 

कब तक देनी होती है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ?

पोस्टमॉर्टम को लेकर अलग-अलग राज्यों में अलग नियम होते हैं. पिछले साल पंजाब और हरियाणा को लेकर कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया था कि 24 घंटे के अंदर पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देनी होगी. इसमें किसी भी तरह की देरी नहीं की जा सकती है. वहीं एक सवाल उठता है कि क्या पोस्टमॉर्टम में भी कोई शुरुआती रिपोर्ट होती है और क्या कभी बाद में डिटेल वाली रिपोर्ट दी जाती है? बता दें कि पोस्टमॉर्टम में शुरुआती रिपोर्ट जैसा कुछ नहीं होता है. पोस्टमॉर्टम एक मेडिको लीगल डॉक्यूमेंट है, ये बहुत बड़ा सबूत होता है. इसकी रिपोर्ट तो आपको तुरंत ही देनी होती है. इसमें आप चार-पांच दिन का कोई गैप नहीं कर सकते हैं.

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