Why are prisoners made to wear white clothes in jail here is the answer – News18 हिंदी


रिपोर्ट – अनुज गौतम

सागर. स्कूल-कॉलेज या कई दफ्तरों में लोगों को आपने एक ही रंग या डिजाइन के कपड़े पहने देखा होगा. लेकिन क्या कभी जेल में रहने वाले कैदियों के कपड़ों पर गौर किया है. जेल में अमूमन दो तरह के लोग दिखाई पड़ते हैं. एक वो जो सामान्य कपड़ों में नजर आते हैं, वहीं कुछ कैदी सफेद रंग के कुर्ता-पाजामा पहने दिखते हैं. जेल में रहने वाले इन कैदियों के कपड़ों का रंग सफेद क्यों होता है, यह सवाल आपके जेहन में भी आया होगा. आइए जानते हैं कि कैदियों के कपड़ों का रंग क्यों एक जैसा होता है. क्यों कुछ लोग जेल के भीतर सामान्य कपड़े पहने नजर आते हैं. बता दें कि किसी भी जेल में दो प्रकार के आरोपी होते हैं, एक तो कैदी जिन्हें सजा सुनाई जा चुकी होती है और दूसरे वो जो विचाराधीन कैदी की श्रेणी में आते हैं.

सेंट्रल जेल के अधीक्षक दिनेश नरगावे ने जेल में रहने वाले कैदियों के कपड़ों के रंग के बारे में लोकल18 को विस्तार से जानकारी दी. उन्होंने बताया कि जेलों का इतिहास काफी पुराना रहा है. भारत में जब अंग्रेजों का शासन था, तब जेल के अंदर रहने वाले कैदियों को टांट या मोटे खद्दर के कपड़े पहनने को दिए जाते थे. ये कपड़े पहनने में तो तकलीफ देते ही थे, बदलते मौसम के कारण इनकी वजह से कई परेशानियां भी होती थीं. आजादी के बाद जेलों में सुधार हुआ है, तो कैदियों के कपड़े भी बदल गए. जैसे-जैसे सुधार होते गए, इन कपड़ों में भी बदलाव नजर आने लगा. खादी या टांट की जगह अब जेलों में बंदियों को सूती वस्त्र पहनने दिए जाते हैं. भारत की जेलों में सफेद के अलावा काली धारियों वाले यूनिफॉर्म में भी कैदी नजर आते हैं.

सफेद कपड़े पहनने के चार कारण

  • कैदी सफेद रंग के कपड़े ही क्यों पहनते हैं, इसके एक-दो नहीं, बल्कि कई कारण हैं. दिनेश नरगावे ने इन कपड़ों का चयन करने के चार कारण गिनाए.
  • पहला कारण यह सफेद वस्त्र साफ दिखते हैं, जिसकी वजह से दूर से ही कैदी पहचाने जा सकते हैं.
  • दूसरी वजह कैदियों को सूती कपड़े इसलिए दिए जाते हैं क्योंकि ये गर्मी में ठंडे और ठंड में शरीर को गर्म रखने में सक्षम हैं. इससे मौसम के मुताबिक कैदियों को तकलीफ नहीं होती.
  • कैदियों के सफेद कपड़े पहनने की तीसरी वजह यह है कि सूती वस्त्रों का निर्माण जेल में ही किया जाता है. इन्हें बाहर से खरीदने की जरूरत नहीं पड़ती है.
  • चौथा और सबसे बड़ा कारण यह है कि सफेद कपड़ों की वजह से सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदी की अलग पहचान हो पाती है.

दोष साबित होने के बाद ही सफेद कपड़े
जेल अधीक्षक ने बताया कि जेल में हमेशा दो तरह के बंदी होते हैं. एक अंडर ट्रायल यानी कि विचाराधीन और दूसरे सजायाफ्ता यानी कि जिनको न्यायालय के द्वारा दंड दे दिया गया है. उन पर दोष सिद्ध हो चुका है. जिन पर दोष सिद्ध होता है उन कैदियों के लिए सफेद वस्त्र का प्रावधान जेल प्रशासन करता है. अंडर ट्रायल वाले बंदी एक तरह से कोर्ट की अमानत के तौर पर जेल में रहते हैं, इसलिए उन्हें सामान्य कपड़े पहनने की छूट मिली होती है.

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