why do billionaires take salary of only one dollar Know its details and facts


अधिकांश अरबपति और बड़े सीईओ की सैलरी को लेकर अक्सर एक सवाल उठता है कि वो क्यों सिर्फ एक डॉलर की सैलरी ही लेते हैं? यह देखने में अजीब लग सकता है कि व्यक्ति जो अरबों डॉलर की संपत्ति का मालिक है, वो केवल एक डॉलर की सालाना सैलरी क्यों लेता होगा? तो चलिए आज हम इस सवाल का जवाब जानते हैं.

क्यों एक डॉलर ही सैलरी लेते हैं अरबपति?

अरबपति और बड़े कॉरपोरेट सीईओ अक्सर एक डॉलर की सैलरी लेते हैं ताकि वो कानूनी और टैक्स लाभ ले सकें. एक डॉलर की सैलरी पर कम टैक्स लगता है और इसका मतलब है कि इससे वो अपने व्यक्तिगत टैक्स लायबिलिटी को कम कर सकते हैं. इसके अलावा अगर कोई कंपनी किसी सीईओ को ज्यादा वेतन देती है, तो इससे कंपनी के टैक्स रिटर्न पर भी असर पड़ सकता है. एक डॉलर की सैलरी ये सुनिश्चित करती है कि टैक्स की दर न्यूनतम हो.

इसके अलावा ज्यादातर अरबपति और सीईओ अपने वेतन की बजाय प्रदर्शन आधारित बोनस लेते हैं. इसका मतलब है कि वो अपनी सैलरी को कम से कम रखकर कंपनी की सफलता के आधार पर ज्यादा बोनस लेते हैं. ये तरीका उन्हें ज्यादा फायदा देता है, क्योंकि उनका इनाम कंपनी की सफलता के साथ बढ़ता है. बोनस का ये तरीका सीईओ को कंपनी को लंबे समय तक फायदा पहुंचाता है और इससे सीधे तौर पर कंपनी को लाभ पहुंचता है.

यह भी पढ़ें: फर्जी एनकाउंटर के मामले में इस राज्य की पुलिस सबसे ज्यादा बदनाम, कैसे लगा यह ठप्पा?

छवि सुधारने में मददगार

एक डॉलर की सैलरी लेना कंपनी के लिए एक सकारात्मक छवि प्रस्तुत करता है. ये दिखाता है कि सीईओ या संस्थापक अपनी कंपनी के लिए पूरी तरह समर्पित हैं और वो अपने व्यक्तिगत लाभ से ज्यादा कंपनी के दीर्घकालिक लाभ को प्राथमिकता देते हैं. ये छवि निवेशकों, कर्मचारियों और जनता के बीच एक मजबूत विश्वास बनाती है और कंपनी की सामाजिक जिम्मेदारी को भी दिखाती है.

साथी ही शेयरधारकों और नियामकीय प्राधिकरण द्वारा कई बार ज्यादा वेतन को लेकर सवाल उठते हैं. एक डॉलर की सैलरी एक तरीके से कंपनी के शेयरधारकों और नियामकीय प्राधिकरण को यह मैसेज देती है कि सीईओ को अपनी सैलरी के रूप में ज्यादा पैसे नहीं मिल रहे हैं. इससे कंपनी को ये दिखाने में मदद मिलती है कि। जो सैलरी वो ले रहे हैं वो सभी को पता है और शेयरधारकों के अनुरूप है.

किन कंपनी के सीईओ लेते हैं एक डॉलर सैलरी?

अलग अलग कंपनी के सीईओ एक डॉलर सैलरी लेते हैं. उदाहरण के लिए, स्टीव जॉब्स ने एप्पल के सीईओ के रूप में अपनी सैलरी को एक डॉलर रखा, जबकि उनकी पूरी सैलरी उनके कंपनी के शेयरों के रूप में थी. इसी तरह, फेसबुक के मार्क जुकरबर्ग और गूगल के लैरी पेज और सर्गेई ब्रिन ने भी एक डॉलर सैलरी लेकर इस प्रथा का पालन किया.

यह भी पढ़ें: क्या POK के लोग वाकई भारत में शामिल हो सकते हैं? जानें ये कितना मुमकिन



Source link

x