Why do workers die in septic tanks Know how methane gas takes lives
बिहार के पटना जिले में एक बार फिर से सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान 4 सफाईकर्मियों की मौत हो गई है. देश में सेफ्टिक टैंक में सफाई के कारण पहली बार किसी सफाईकर्मी की मौत नहीं हुई है. हर साल सैंकड़ों सफाईकर्मियों की मौत सेफ्टिक टैंक में होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सेफ्टिक टैंक में कौन सी गैस बनती है, जो इंसानों के लिए जानलेवा होती है.
सेफ्टिक टैंक
हर साल भारत में सैंकड़ों की संख्या में सेफ्टिक टैंक में सफाई करने वाले कर्मचारियों की मौत होती है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर सेफ्टिक टैंक में सफाई कर्मियों की सास क्यों फुलती है और कौन सी गैस उनके लिए खतरनाक होती है.
खतरनाक गैस
विशेषज्ञों के मुताबिक सेप्टिक टैंक हमेशा बंद रहता है, ऐसे में सीवेज और गंदे पानी की वजह से टैंक में मीथेन गैस की अधिकता हो जाती है. जब कभी सफाईकर्मी सेप्टिक टैंक में उतरता है, तो मीथेन गैस की गंध की तीव्रता सांस लेते ही सीधे दिमाग तक अटैक करती है. इसके असर से व्यक्ति बेहोश हो जाता है. वहीं सेफ्टी टैंक के अंदर बेहोश होने पर इंसान की मौत हो जाती है.
एक्सपर्ट ने बताया सच
बुद्ध डिग्री कालेज कुशीनगर में रसायन शास्त्र के प्रोफेसर डॉ. रवि प्रकाश पांडेय बताते हैं कि सेप्टिक टैंक के कचरे व सीवरेज में बनने वाली गैस का प्रमुख घटक मीथेन है, जो उच्च सांद्रता में अत्यंत विषैला हो सकता है. उन्होंने बताया कि गंदे पानी के कारण भी ऐसी गैस बन सकती है. वहीं सफाई के दौरान मीथेन गैस के संपर्क में आने से आंखों में जलन, गले में खराश, सांस की तकलीफ और खांसी और अधिकता से तंत्रिका तंत्र (नर्वस सिस्टम) प्रभावित हो सकता है. इसके अलाव घुटन, सिरदर्द और चक्कर के साथ गैस की अधिकता फेफड़े और मस्तिष्क पर प्रभाव डालती है, जो मृत्यु कारण बन जाता है. इसीलिए अक्सर सेफ्टिक टैंक में सफाई करने वाले कर्मचारियों की मौत होती है.
कैसे होगी सफाई
सफाई के सेफ्टिक टैंक का साफ होना जरूरी होता है. लेकिन इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए, जो अक्सर लोग नहीं रखते हैं. सेप्टिक टैंक की मैनुअल तरीके से सफाई या किसी अन्य कारण से खोलने पर आधा घंटा तक ढक्कन हटाकर इंतजार करना चाहिए, इसके बाद ही नीचे उतरना चाहिए. वहीं जहरीली गैस है या नहीं इसकी जांच करने के लिए माचिस की जलती हुई तीली डालकर देखना चाहिए. इस दौरान अगर आग जलती है, तो समझना चाहिए कि गैस है. ऐसी स्थिति में मेनहोल को खुला छोड़ने के बाद उसमें पानी का छिड़काव करना चाहिए. वहीं सफाई के लिए उतरे कर्मचारी मुंह पर ऑक्सीजन मास्क और सेफ्टी बेल्ट लगाना चाहिए. वहीं कमर में रस्सी जरूर बांधना चाहिए, जिससे आपात स्थिति में ऊपर खड़ा साथी उसे तुरंत निकाल सकता है.
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