why does a human body not sink in water after death know facts and science


यह एक आम धारणा है कि जब कोई व्यक्ति डूब जाता है, तो उसका शरीर पानी में डूब जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ मामलों में, मौत के बाद भी इंसान का शरीर पानी में तैरता रहता है? यह बात कई लोगों के लिए आश्चर्यजनक हो सकती है, लेकिन इसके पीछे कई वैज्ञानिक कारण हैं. चलिए जानते हैं कि आखिर ऐसा होता क्यों है.

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क्यों तैरता रहता है मृत शरीर?

जब कोई व्यक्ति डूब जाता है, तो उसके फेफड़ों में पानी भर जाता है. सामान्य परिस्थितियों में फेफड़ों में हवा होती है, जो शरीर को तैरने में मदद करती है, लेकिन जब फेफड़े पानी से भर जाते हैं, तो शरीर का घनत्व पानी से अधिक हो जाता है और शरीर डूब जाता है.

कुछ मामलों में पानी में क्यों तैरता रहता है मृतक का शरीर?

कुछ मामलों में इंसान की मौत हो जाने के बाद उसका शरीर पानी में तैरता रहता है. दरअसल जब शरीर सड़ने लगता है, तो बैक्टीरिया शरीर में मौजूद कार्बनिक पदार्थों को तोड़ना शुरू कर देते हैं. इस प्रक्रिया में गैसें बनती हैं, जो शरीर को फुला देती हैं. ये गैसें शरीर को हल्का बना देती हैं और शरीर पानी में तैरने लगता है. साथ ही अगर मृत व्यक्ति ने कोई ऐसे कपड़े पहने हुए हैं जो हवा को रोकते हैं, तो यह भी शरीर को पानी में तैरने में मदद कर सकता है. इसके अलावा पानी का घनत्व तापमान और लवणता के आधार पर बदलता रहता है. ठंडे और कम लवणता वाले पानी में शरीर अधिक आसानी से तैर सकता है और शरीर की स्थिति भी यह तय करती है कि वह डूबेगा या तैरेगा. अगर शरीर पानी में सीधा खड़ा है, तो वह अधिक आसानी से डूब सकता है, लेकिन अगर शरीर पानी में तिरछा या उल्टा है, तो वह तैर सकता है.

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इसलिए भी मौत के बाद पानी में नहीं डूबता इंसान का शरीर

मौत का कारण भी यह तय कर सकता है कि शरीर डूबेगा या तैरेगा. उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति की मौत डूबने से हुई है, तो उसके फेफड़ों में पानी भर जाएगा और शरीर डूब जाएगा, लेकिन अगर किसी व्यक्ति की मौत हार्ट अटैक से हुई है, तो उसके फेफड़ों में हवा रह सकती है और शरीर तैर सकता है. साथ ही ठंडे पानी में शरीर अधिक जल्दी डूब जाता है क्योंकि ठंडे पानी में शरीर का घनत्व बढ़ जाता है. इसके अलावा मोटे लोगों का शरीर पतले लोगों के शरीर की तुलना में ज्यादा आसानी से तैरता है.

क्या कहता है फोरेंसिक विज्ञान?

मृत शरीर के तैरने या डूबने का अध्ययन फोरेंसिक विज्ञान में बहुत जरुरी है. इससे जांचकर्ताओं को यह पता लगाने में मदद मिलती है कि मौत कैसे हुई और शरीर को पानी में क्यों फेंका गया.

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