Why is smuggling of turtles considered a crime What is the punishment in such cases
दुनियाभर में कई प्रजाति के जानवर पाए जातें हैं, जिसमें कछुआ भी एक जानवर है. धरती पर कछुओं की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कछुओं की दुनियाभर में बड़े पैमाने पर तस्करी होती है. जी हां, भारत में तो कछुए की तस्करी को लेकर सख्त नियम हैं. आज हम आपको बताएंगे कि भारत में कछुए की तस्करी करने पर कितने साल की सजा मिलती है.
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कुछओं की तस्करी
भारत समेत दुनियाभर में कछुओं की तस्करी की जाती है, जिसके बाद इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार तक पहुंचाया जाता है. जहां इन कछुओं का बेचने पर लाखों रुपये मिलते हैं. इनमें कुछ कछुए ऐसे भी होते हैं, जिनकी बाजार में डिमांड और रेट दोनों ही ज्यादा है. इनमें स्टार कछुआ प्रमुख है, स्टार कछुए की पीठ पर पीले और काले रंग के चकत्ते की तरह खूबरसूरत आकृति बनी है. दरअसल ये दिखने में एक पिरामिड की तरह लगती है.
कछुओं को रखना कानून जुर्म
बता दें कि वन्य जीवसंरक्षण अधिनियम 1972 में भारतीय जीव जंतु की तस्करी और उन्हें रखना अपराध है. बता दें कि कहीं पर भी वन्य जीव की तस्करी खरीद फरोख्त की जाने की सूचना मिलने पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की धारा 9( 44 )के तहत अपराध दर्ज किया जाता है. इसमें सजा का भी प्रावधान है. इसी तरह अंतरराष्ट्रीय साईटिस कन्वेंशन ऑफ इंटरनेशनल ट्रेड ऑफ इन डेंजर स्पीशीज ऑफ फ्लोरा एंड फोना के तहत भी किसी जीव-जंतु की खरीद-फरोख्त पर रोक है. विदेशी जीव-जंतु के यहां आने से स्थानीय जीव-जंतु पर खतरा हो सकता है.कछुआ को पकड़ने पर सात साल की सजा हो सकती है.
क्यों होती है कछुओं की तस्करी
अब सवाल ये है कि आखिर दुनियाभर में कछुओं की तस्करी क्यों होती है. बता दें कि कछुओं की तस्करी के पीछे उनसे बनने वाली दवाईयां और धार्मिक कारण के लिए घर में रखना भी एक वजह है. इनमें कुछ प्रजाति के कछुओं की डिमांड ज्यादा होती है. जैसे दक्षिण पूर्वी एशिया समेत कई जगहों पर लोग यह मानते हैं कि स्टार कछुए भाग्य के संकेत होते हैं. लोगों का मानना है कि इन्हें पालने से भाग्य बदल जाता है. ये भी एक कारण है कि लोगों द्वारा इन्हें घरों में पालने की मांग बढ़ती जा रही है.
दवाई बनाने के लिए कछुए का इस्तेमाल
स्टार कछुओं से यौनशक्ति बढ़ाने वाली दवाओं का निर्माण भी किया जाता है. जिसके कारण इनकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अच्छी मांग होती है. दवाई में इस्तेमाल होने के कारण दुनियाभर में कछुए की तस्करी होती है.
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