Why is there so much heat cold pollution in Delhi what is the reason behind it


राजधानी दिल्ली में आपने अनुभव किया होगा कि यहां पर ठंडी,गर्मी,बरसात हर मौसम ज्यादा होता है. आसान भाषा में कहे तो ठंड के समय ठंडी बहुत पड़ती है, गर्मी के समय गर्मी बहुत पड़ती है और बरसात के वक्त बारिश खूब होती है. लेकिन अब प्रदूषण के मामले में भी दिल्ली सबसे आगे है. सवाल ये है कि आखिर दिल्ली में सभी मौसमों के साथ प्रदूषण भी ज्यादा क्यों पड़ता है.

दिल्ली की भौगोलिक स्थिति

बता दें कि दिल्ली की भौगोलिक स्थिति ऐसी है कि दिल्ली के पड़ोस में जहां एक तरफ उत्तराखंड,जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख जैसे ठंडे प्रदेश नजदीक हैं. वहीं राजस्थान जैसे गर्म रेतीले इलाके में दिल्ली के पड़ोसी प्रदेश हैं. दिल्ली में ठंड और गर्मी पड़ने का ये एक प्रमुख कारण है. इन दोनों भौगोलिक कारणों के अलावा नमी के कारण सुबह हल्की धुंध आती है. वहीं दिन होने के साथ ये धुंध 100-300 मीटर ऊपर उठकर हल्के बादल बन जाते हैं. ऐसे में जमीन पर तापमान कम ही रहता है और धूल के कण के साथ नमी भी बनी रहती है. 

दिल्ली में ठंड ज्यादा पड़ने का कारण

राजधानी दिल्ली में ठंड ज्यादा पड़ने की सबसे बड़ी वजह आस-पास के ठंडे प्रदेश हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाली हवाओं के कारण भी दिल्ली में ठंड ज्यादा होती है. जिस कारण दिल्ली-एनसीआर में ठंड ज्यादा पड़ती है. एक्सपर्ट का कहना है कि यही हवाएं उत्तर और उत्तर पश्चिम के इलाकों में बारिश के लिए भी जिम्मेदार होती हैं. इसके अलावा दिल्ली का पहाड़ी इलाकों के पास होना भी सर्दी का एक प्रमुख कारण है. जैसे दिल्ली से उत्तराखंड,जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख जैसी जगहें नजदीक हैं. 

गर्मी की वजह

दिल्ली में सर्दी के साथ-साथ गर्मी भी चरम पर पड़ती है. दिल्ली में गर्मी इतनी पड़ती है कि मई और जून महीने में बाहर खड़ा होना मुश्किल हो जाता है. वहीं independent.co.uk की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि मॉनसून का अर्थ सिर्फ बारिश से ही नहीं है. हवाओं की दिशा में परिवर्तन भी मॉनसून ही होता है. मानसून के कारण सिर्फ बारिश ही नहीं होती, बल्कि तापमान पर भी काफी प्रभाव पड़ता है. यही वजह है कि गर्मी में गर्म हवाएं चलती हैं और इसकी वजह से राजधानी में भीषण गर्मी पड़ने लगती है. इसके अलावा एक और बड़ी वजह ये है कि दिल्ली शहर यमुना नदी के किनारे बसा हुआ है, इसलिए ये ह्यूमिड सबट्रोपिकल रीजन में आता है. दिल्ली के पड़ोसी राज्य राजस्थान के रेतीलों इलाकों से आने वाली गर्म हवाएं भी दिल्ली में गर्मी बढ़ाने का एक कारण हैं.

प्रदूषण 

दिल्ली में एक बार फिर से वायु प्रदूषण ने लोगों की स्थिति खराब कर दी है. दरअसल दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए कभी भी कोई एक चीज जिम्मेदार नहीं होती है. यहां पर मौजूद गाड़ियां, पराली जलाना, झोपड़ी में लकड़ी पर बनने वाले खाने समेत भौगौलिक स्थिति भी जिम्मेदार है. आज यानी बुधवार को ग्रेटर नोएडा में एक्यूआई स्तर 320 दर्ज किया गया, जो गंभीर वायु गुणवत्ता स्तर की श्रेणी में आता है. वहीं नोएडा में यह स्तर 279 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 246 एक्यूआई लेवल है.

ये भी पढ़ें: Helicopter Fare: बद्रीनाथ-केदारनाथ जाने के लिए हेलीकॉप्टर का किराया कितना है? एक यात्री से 30 हजार से ज्यादा की हो रही डिमांड

 

 



Source link

x