Why Will There Be A Drop In Wind Speed For Some Time During The Passage Of Biparjoy From Gujarat Coast – गुजरात तट से Biparjoy के गुजरने के दौरान कुछ देर के लिए हवा की गति में क्यों आएगी गिरावट?
नई दिल्ली:
चक्रवाती तूफान बिपरजॉय के लैंडफॉल की शुरुआत गुरुवार शाम शुरू हो गई. मौसम विभाग की तरफ से कहा गया है कि देर रात तक लैंडफॉल जारी रहेगा. इस बीच IMD के एक अधिकारी ने कहा कि इस तूफान के ‘Eye Of Cyclone’ का व्यास (Diameter) 50 किलोमीटर है. जब इसका अगला हिस्सा तट से टकराएगा तो काफी तेज हवा चलेगी लेकिन फिर अचानक कुछ देर बाद हवा की गति में तेजी से गिरावट दर्ज की जाएगी. मौसम विभाग ने लोगों को आगाह किया है कि इस गिरावट को चक्रवात का अंत नहीं समझा जाए. जब ‘आई ऑफ साइक्लोन’ का अंतिम हिस्सा तट से टकराएगा फिर एक बार तेज हवा चलेगी और वो भी काफी खतरनाक हो सकता है.
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क्या होता है आई ऑफ साइक्लोन?
साइक्लोन बिपरजॉय लगभग 300 किलोमीटर का एक जोन बनाकर समुद्र में आगे बढ़ रहा है. इसके बीच के हिस्से में ‘आई ऑफ साइक्लोन’ है. ‘आई ऑफ साइक्लोन’ के गुजरात तट पर पहुंचने में 3-4 घंटे के समय लगेंगे क्योंकि यह तूफान के बीच का हिस्सा है. जानकारों का कहना है कि ‘आई ऑफ साइक्लोन’ के जगह पर हवा की रफ्तार सबसे अधिक होती है. यह जब तट से टकराता है तो सबसे अधिक नुकसान होती है. किसी भी चक्रवात के केंद वाले हिस्से में ‘आई ऑफ साइक्लोन’ होता है.
‘आई ऑफ साइक्लोन’ क्यों होता है इतना खतरनाक?
कोई भी प्रचंड चक्रवाती तूफान लगभग 250 से 300 किलोमीटर लंबा वेदर फिनोमिना होता है. इसके अलग-अलग जोन में हवा की रफ्तार अलग-अलग होती है. बाहरी क्षेत्रों में हवा की रफ्तार कम होती है वहीं बीच के हिस्से में रफ्तार काफी अधिक होती है. इस कारण बीच के हिस्से को ही ‘आई ऑफ साइक्लोन’ कहा जाता है. जहां हवा की रफ्तार सबसे अधिक होती है और यह बेहद खतरनाक होता है. मौसम विभाग का कहना है कि इस तूफान के ‘आई ऑफ साइक्लोन’ पर हवा की रफ्तार 130 से 140 किलोमीटर प्रति घंटा की है.
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