Wildlife News: चंबल नदी में बढ़ा घड़ियालों का कुनबा, 2553 से अधिक पहुंची संख्या, यहां मौजूद है पूरे दुनिया की अनोखी प्रजाति
Agency:News18 Rajasthan
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Wildlife News: जलीय जीवों के संरक्षण हेतु चम्बल के राष्ट्रीय अभयारण्य में 32 नए घड़ियालों को नदी में छोड़ा गया. विलुप्तप्राय जलीय जीव घड़ियाल के संरक्षण व संवर्धन के लिए चम्बल नदी के 435 किलोमीटर के क्षेत्र को राष…और पढ़ें
32 घड़ियालों को चंबल नदी में किया गया रिलीज
हाइलाइट्स
- चंबल नदी में 2553 से अधिक हुई घड़ियालों की संख्या
- चंबल नदी में छोड़े गए 32 नए घड़ियाल
- 1980 से देवरी घड़ियाल केंद्र में हो रहा है अंडों का पालन
धौलपुर. देवरी घड़ियाल केन्द्र पर कृत्रिम वातावरण में संरक्षित हो रहे 32 घड़ियाल को चम्बल नदी के प्रकृतिक वातावरण में मुक्त कर दिया है. नदी के सरसैनी घाट पर मुक्त किये गये घड़ियाल में 30 नर तथा दो मादा शामिल हैं. इसके साथ ही वन विभाग द्वारा रेस्क्यू किये गये मगर को भी सरसैनी घाट पर ही चम्बल नदी में छोड़ा गया. इस वर्ष चम्बल नदी में 2022 बैच के 98 घड़ियाल को मुक्त किया जाना था.
चम्बल में 2553 से अधिक घड़ियाल होने की संभावना
इनमें से 13 जनवरी को 22 और 25 जनवरी को 32 घड़ियाल चम्बल में छोड़ दिये जाने के साथ ही राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य में विलुप्तप्राय जलीय जीव की संख्या लगभग 2512 से अधिक बताई जा रही है. इस वर्ष 98 घड़ियाल को चम्बल नदी के विभिन्न घाटों पर विचरण के लिये छोड़ा जाना है. अभी कुछ समय के दौरान ही 41 और घड़ियालों को चम्बल में मुक्त किया जाएगा. इससे चम्बल में घड़ियाल की संख्या लगभग 2553 से अधिक होने की संभावना है.
कृत्रिम वातावरण में 50 प्रतिशत है घड़ियाल का जीवन दर
वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी एवं अधीक्षक राष्ट्रीय घड़ियाल अभ्यारण्य चम्बल देवरी रेंज श्यामसिंह चौहान के बताया कि घड़ियाल और रेस्क्यू किये गये मगर को नदी में स्वतंत्र विचरण के लिये मुक्त कर दिया गया. चम्बल नदी के विभिन्न घाट से लाये गये अण्डों से निकले इन घड़ियाल शावकों का पालन वर्ष 2022 से किया जा रहा था. कृत्रिम वातावरण में घड़ियाल का जीवन दर 50 प्रतिशत तथा प्राकृतिक वातावरण में लगभग 2 प्रतिशत मानी जाती है.
टैग के माध्यम से की जाती है सतत निगरानी
विलुप्त प्राय: जलीय जीव घड़ियाल के संरक्षण व संवर्धन के लिये देवरी पर निर्मित घड़ियाल केन्द्र में घड़ियाल शावकों को तीन वर्ष अथवा इनकी लम्बाई 1 मीटर 20 सेन्टीमीटर होने के बाद चम्बल नदी में मुक्त किया जाता है. घड़ियाल विमोचन से पूर्व उनकी पूंछ पर लगाये गये टैग के माध्यम से लगभग एक वर्ष तक सतत निगरानी की जाती है. इस दौरान इनकी गतिविधियां, जीवनयापन, भोजन, आवास का अवलोकन किया जाता है.
1980 से देवरी केन्द्र पर हो रहा अंडों का पालन
विदित हो कि 1975 से 1977 के मध्य दो वर्ष के दौरान विलुप्त प्राय: जलीय जीव की विश्व व्यापी खोज के साथ गणना की गई थी, जिसमें सम्पूर्ण विश्व में पाये गये लगभग 200 घड़ियाल में से 46 चम्बल में पाये गये थे. उस दौरान विलुप्तप्राय जलीय जीव घड़ियाल के संरक्षण व संवर्धन के लिए चम्बल नदी के 435 किलोमीटर के क्षेत्र को राष्ट्रीय चम्बल घड़ियाल अभ्यारण्य घोषित कर रेत व मिट्टी के खनन पर प्रतिबंध लगा दिया था. इस क्षेत्र में मध्यप्रदेश, राजस्थान व उत्तरप्रदेश के क्षेत्र शामिल हैं. वहीं देवरी पर घड़ियाल केन्द्र बनाया गया. वर्ष 1980 से वन विभाग द्वारा चम्बल नदी के विभिन्न घाटों से 200 अण्डे देवरी केन्द्र पर लाकर प्राकृतिक वातावरण में रखे जाते हैं.
Dhaulpur,Dhaulpur,Rajasthan
January 27, 2025, 15:42 IST