Will Decide Future Strategy In ‘Monthly Panchayat’ Of Sisauli: Farmer Leader Rakesh Tikait – सिसौली की ‘मासिक पंचायत’ में आगे की रणनीति तय करेंगे : किसान नेता राकेश टिकैत
टिकैत ने ‘पीटीआई वीडियो’ से बातचीत में कहा, “हम फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू करने, किसानों की कर्ज माफी आदि मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.” यह पूछे जाने पर कि क्या उनकी दिल्ली जाने की कोई योजना है, टिकैत ने कहा, ‘शनिवार को सिसौली (मुजफ्फरनगर) में एक मासिक पंचायत है, उसमें आगे की रणनीति तय करेंगे.’
टिकैत ने दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर बागोंवाली चौराहे पर आयोजित विरोध प्रदर्शन में भाग लिया. जिले में 10 स्थानों पर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के विभिन्न गुटों के समर्थकों ने धरना दिया. बिजनौर में, भाकियू ने विरोध प्रदर्शन के तहत कुछ गन्ना तौल केंद्रों पर काम बंद कर दिया. भाकियू के जिला अध्यक्ष सोनू चौधरी ने कहा कि ‘जिले में गन्ना तौल और खरीद केंद्र आज बंद रहे. व्यापारियों ने भी बंद के समर्थन में अपनी दुकानें बंद रखीं.’
बागपत में भाकियू कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. बागपत भाकियू जिला इकाई के अध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर ने कहा कि ”वंदना चौक पर बंद के समर्थन में प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया गया.” उन्होंने कहा, ‘किसानों ने भी आह्वान का समर्थन किया और वे गन्ना खरीद केंद्रों पर नहीं गए.’
शाहजहांपुर जिले में बंद का कोई खास असर नहीं रहा. कुछ भाकियू कार्यकर्ताओं ने खुटार-पूरनपुर रोड पर एक टोल बूथ पर कुछ देर के लिए विरोध प्रदर्शन किया. पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा ने कहा कि ‘प्रदर्शन के कारण कोई यातायात बाधित नहीं हुआ. जिले में कानून-व्यवस्था की स्थिति नियंत्रण में है.’
ऐसी ही प्रतिक्रिया बदायूं में भी देखने को मिली. भाकियू जिलाध्यक्ष राजेश सक्सेना ने कहा, ‘बंद का आह्वान किसान नेताओं ने किया था, लेकिन हमें शहरी क्षेत्र के व्यापारियों से पर्याप्त समर्थन नहीं मिला. दूसरी ओर, ग्रामीण इलाकों में लोग बंद का समर्थन करते हैं.’
मेरठ जिले के शहरी क्षेत्र में बंद का असर न के बराबर रहा. भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने कहा, ”ग्रामीणों ने गांवों में बंद के समर्थन में काम नहीं किया.” संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है. भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल), भारतीय किसान यूनियन (दकुंडा), भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल), भारतीय किसान यूनियन (कादियान) और कीर्ति किसान यूनियन समेत कई किसान संगठन बंद में हिस्सा ले रहे हैं.
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