Woman Accused Of Fake Complaint Of Rape In Sandeshkhali – कराए गए थे सादे कागज पर दस्तखत , संदेशखाली में महिला ने रेप की फर्जी शिकायत का लगाया आरोप
नई दिल्ली:
संदेशखाली मामले को लेकर वहां की एक स्थानीय महिला ने बड़ा दावा किया है. इस महिला का आरोप है कि उससे एक सादे कागज पर जबरदस्ती हस्ताक्षर लिए गए थे. महिला का दावा है कि उसके इसी हस्ताक्षर के आधार पर रेप की एक झूठी शिकायत दर्ज कराई गई. महिला के इस आरोप को लेकर पश्चिम बंगाल में टीएमसी और भाजपा के बीच राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है.
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स्थानीय महिला ने पियाली पर लगाया आरोप
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आपको बता दें कि मीडिया से बात करते हुए, संदेशखाली निवासी ने कहा कि जिस दिन राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम ने यहां का दौरा किया, तो उस दौरान पियाली नाम की एक महिला ने हमें अपनी शिकायतें साझा करने के लिए बुलाया. महिला ने कहा कि मैंने उन्हें बताया कि हमें 100 दिनों की नौकरी योजना के तहत पैसे नहीं मिले हैं. मुझे केवल वह पैसा चाहिए था और कोई अन्य शिकायत नहीं है. कोई बलात्कार नहीं हुआ. पियाली ने हमसे एक खाली कागज पर हस्ताक्षर करवाए. इसके बाद ही मुझे यह पता चला कि मेरा नाम उन महिलाओं की सूची में शामिल हैं जिन्होंने टीएमसी नेताओं पर बलात्कार का आरोप लगाया है.
“संदेशखाली को बदनाम करने की कोशिश”
जिस महिला ने ये आरोप लगाया है कि बहुओं ने पियाली पर संदेशखाली को बदनाम करने का आरोप लगाया. उसने कहा कि वह एक बाहरी व्यक्ति है, वह कहीं और से आई है और बड़ी-बड़ी बातें करती है. हमें नहीं पता कि उसे यहां हर किसी के बारे में जानकारी कैसे है. शुरुआत में, वह सिर्फ यहां विरोध प्रदर्शन में भाग लेती थी. हमें बाद में पता चला कि वह यहां के साथ है. भाजपा को हमसे झूठ बोलने और हमें फंसाने के लिए दंडित किया जाना चाहिए, मुझे यकीन है कि उसने और भी लोगों को इस तरह धोखा दिया गया है. महिला और उसके परिवार ने बताया कि पियाली के खिलाफ सामने आकर बात रखने पर अब उन्हें धमकियां मिल रही हैं.
BJP ने किया पलटवार
टीएमसी के आरोपों पर भाजपा ने भी पलटवार किया है. बीजेपी ने तृणमूल के आरोपों को डैमेज कंट्रोल करने की कवायद बताया है. बीजेपी के अनुसार टीएमसी डैमेज कंट्रोल करने में भी काफी देरी कर चुकी है. पार्टी प्रवक्ता प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि तृणमूल को यह समझना होगा कि समय निकल चुका है. उन्होंने कहा कि तृणमूल अब जवाब क्यों दे रही है? वे दो-तीन महीने तक चुप क्यों थे. उन्होंने पहले कहा था कि (संदेशखाली की) महिलाएं झूठ बोल रही थीं, अब वे कह रहे हैं कि उनसे झूठ बुलवाया गया था. जो भी नुकसान होना था वह हो चुका है.