Woman Claims Was Forced To File False Case In Karnataka Sex Scandal – कर्नाटक सेक्स स्कैंडल में नया मोड़, महिला का दावा- झूठा केस दर्ज कराने के लिए मजबूर किया गया
बेंगलुरु:
कर्नाटक में मौजूदा जद-एस सांसद प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े सेक्स वीडियो स्कैंडल में नया मोड़ लाते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने गुरुवार को कहा कि इनमें से एक मामले में शिकायतकर्ता महिला ने दावा किया है कि उसे लोगों के एक समूह ने उत्पीड़न की धमकी देकर झूठी शिकायत दर्ज कराने के लिए मजबूर किया था. एनसीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा, “एक महिला शिकायतकर्ता सिविल वर्दी पहने तीन व्यक्तियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने आयोग में आई थी, जिन्होंने कथित तौर पर खुद को कर्नाटक पुलिस अधिकारियों के रूप में पेश किया और उस पर इस मामले में झूठी शिकायत देने के लिए दबाव डाला.
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महिला ने दावा किया कि उसे शिकायत दर्ज कराने के लिए धमकी भरे कॉल आए पता चला है कि इस शिकायतकर्ता को व्यक्तियों के एक समूह द्वारा संभावित उत्पीड़न की धमकी देकर झूठे आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करने के लिए मजबूर किया गया था. एनसीडब्ल्यू ने कहा कि शिकायतकर्ता ने स्थिति की गंभीरता का हवाला देते हुए अपने परिवार के लिए सुरक्षा की मांग की है साथ ही, उसने कर्नाटक के डीजीपी आलोक मोहन से महिला को उचित सुरक्षा प्रदान करने के लिए कहा है. प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते हैं और जद-एस विधायक एच.डी.रेवन्ना के बेटे हैं, जिन्हें उनके बेटे से जुड़े सेक्स स्कैंडल की पीड़िता के अपहरण में कथित भूमिका के कारण गिरफ्तार किया गया है.
एनसीडब्ल्यू के बयान में कहा गया है, “एक अलग घटनाक्रम में यह नोट किया गया है कि ऑनलाइन शिकायतें दर्ज कराने वाली 700 महिलाएं एक सामाजिक कार्यकर्ता समूह से जुड़ी हुई हैं और मामले में इस शिकायतकर्ता के साथ उनकी कोई प्रत्यक्ष भागीदारी या संबंध नहीं है. “एनसीडब्ल्यू महिलाओं के खिलाफ होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा या यौन शोषण की निंदा करने के लिए दृढ़ है प्रज्वल रेवन्ना मामले से जुड़े हालिया घटनाक्रम ने एनसीडब्ल्यू को त्वरित और निर्णायक कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया है.”
बयान में कहा गया है कि मीडिया में चल रही परेशान करने वाली खबरों के जवाब में एनसीडब्ल्यू ने महिलाओं के अधिकारों और सम्मान को बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हुए स्वत: कार्रवाई शुरू की. एनसीडब्ल्यू ने बयान में कहा, “पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को तुरंत एक पत्र भेजा गया, जिसमें तीन दिनों की समय-सीमा के भीतर तत्काल कार्रवाई और जवाबदेही तय करने का आग्रह किया गया संबंधित अधिकारियों द्वारा की गई कार्रवाई की रिपोर्ट समय पर पेश किए जाने से कई महत्वपूर्ण निष्कर्ष सामने आए.”
आयोग ने कहा, “मामले की गहन जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया है विशेष रूप से, जांच करने और ऐसे मामलों से निपटने में संवेदनशीलता और सहानुभूति रखने वाली महिला अधिकारियों की मौजूदगी सराहनीय है.” कहा गया कि रिपोर्ट में पीड़िताओं द्वारा दी गईं यौन शोषण की शिकायतों के आधार पर दो मामले दर्ज किए जाने का संकेत दिया गया है, साथ ही पीड़िता के अपहरण को लेकर उसके रिश्तेदार द्वारा दायर एक अतिरिक्त शिकायत भी दर्ज की गई है.
बयान में कहा गया है कि एनसीडब्ल्यू उनकी चिंताओं के निवारण के लिए गहन जांच करने और कर्नाटक पुलिस अधिकारियों के साथ निरंतर संचार बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. इसमें कहा गया है कि एनसीडब्ल्यू महिलाओं के लिए न्याय और सुरक्षा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराता है और समयपूर्व निर्णयों पर साक्ष्य-आधारित जांच के महत्व पर जोर देता है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)