Women Pilot Death: 9 दिनों तक अस्पताल में चेष्ठा ने मौत से लड़ी लड़ाई, अधूरा रह गया उड़ान का सपना, पिता ने किया अंगदान
जैसलमेर: बीते मंगलवार को जैसलमेर की पहली पायलट बनने जा रही चेष्ठा विश्नोई ने 8 दिनों तक जिंदगी से जंग लड़ने के बाद पुणे के एक निजी अस्पताल में दम तोड़ दिया. चेष्ठा की मौत की खबर के बाद पूरे जिले में शौक की लहर छा गई है. चेष्ठा के पिता सदमे में है कि हर वक्त खुद को ब्रेव गर्ल कहने वाली उनकी बेटी उन्हें इस तरह जिंदगी के बीच रास्ते में छोड़ कर चली गई है. चेष्टा के हौंसले से हर वक्त प्रेरित होने वाले उनके परिजन ने चेष्ठा की मंगलवार को मृत्यु हो जाने के बाद उसके अंगों को दान का करने का निर्णय लिया.
ऑर्गन डोनेशन का किया निर्णय
चेष्ठा के पिता रिंकू बिश्नोई ने बताया कि पुणे के एक निजी अस्पताल में चेष्ठा का उपचार चल रहा था. मंगलवार को डॉक्टरों ने बताया कि चेष्ठा का ब्रेन डेड हो चुका है, वहीं शरीर के अन्य ऑर्गन काम कर रहे हैं. पिता ने बताया कि ‘चेष्ठा की हिम्मत और उसके स्वर्गीय दादा भैराराम बिश्नोई के मानव सेवा को याद करते हुए मुझे प्रेरणा मिली और मैंने अपनी पत्नी सुषमा बिश्नोई के साथ मिलकर उसके शरीर के ऑर्गन को दान करने का निर्णय लिया.’अब चेष्ठा के दो किडनी, हार्ट, लीवर और झिल्ली अन्य लोगों को जीवन की उम्मीद देंगे.
ससम्मान किया गया दाह संस्कार
बुधवार को चेष्ठा के पार्थिव शरीर को एयरलिफ्ट कर जैसलमेर लाया गया इसके बाद सड़क मार्ग से उसका पार्थिव देह पैतृक गांव खेतोलाई पहुंचा. यहां सैकड़ों नम आंखों की उपस्थिति में शाम के समय चेष्ठा का ससम्मान दाह संस्कार किया गया.
9 दिन तक जिंदगी से लड़ी जंग
चेष्ठा जैसलमेर की पहली लड़की थी जो पायलट बनने जा रही थी. इसके लिए वो पुणे के बारामती में स्थित रेड बर्ड फ्लाइट ट्रेनिंग अकादमी में प्रशिक्षण ले रही थी. चेष्ठा के पिता ने बताया कि वह साल भर पहले पुणे में 200 घंटे का ट्रेनिंग पीरियड पूरा करने गई थी और 69 घंटे की ट्रेनिंग पूरी कर ली थी. 9 दिसंबर को वह अपने ट्रेनिंग सेंटर दोस्तों के साथ जा रही थी इसी दौरान उसकी गाड़ी पेड़ से टकरा गई. गाड़ी में उसके साथ जा रहे दो दोस्तों की मौके पर ही मौत हो गई तो वहीं चेष्ठा कौमा में चली गई. पुणे के एक निजी अस्पताल में 9 दिन तक जिंदगी से जंग लड़ने बाद चेष्ठा ने बीते मंगलवार को देह त्याग दिया .
FIRST PUBLISHED : December 19, 2024, 21:53 IST