World Day For Safety And Health At Work 2024 History Significance And Theme


क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क, जानिए इस दिन का इतिहास, महत्व और इस साल की थीम

World Day for Safety and Health at Work 2024: नौकरी करने वाले हर व्यक्ति के जीवन का बहुत लंबा समय वर्क प्लेस पर गुजरता है. कई वर्क प्लेस (Work place) पर जोखिम वाले काम भी किए जाते हैं तो कुछ हेल्थ के लिए खतरनाक साबित होने वाले होते हैं.  ऐसे में वर्क प्लेस पर काम करने वालों की हेल्थ और सेफ्टी ( Safety and Health) सुनिश्चित किया जाना जरूरी है. इस लक्ष्य को पूरा करने और लोगों को इसके प्रति अवेयर करने के लिए हर साल 28 अप्रैल को कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए विश्व दिवस मनाया जाता है. (World Day for Safety and Health at Work). आइए जानते हैं वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क का इतिहास (History of World Day for Safety and Health at Work) और महत्व.

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वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क का इतिहास (History of World Day for Safety and Health at Work)

संयुक्त राष्ट्र संघ की इकाई अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने वर्क प्लेस पर  दुर्घटनाओं और बीमारियों को रोकने के लिए वर्ष 2003 में पहली बार इसके लिए विश्व दिवस मनाना शुरू किया था. इसके पहले इस दिवस को ट्रेड यूनियन की ओर से कार्य के दौरान जान गंवाने या घायल हुए लोगों की याद में इस दिन को मनाया जाता था.

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वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क का महत्व (Significance of World Day for Safety and Health at Work )

कई बार वर्क प्लेस पर किए जाने वाले काम लाइफ के लिए खतरनाक साबित होते हैं. खासकर केमिकल्स फैक्ट्रियों और मशीनों के साथ काम करने पर दुर्घटना की आशंका रहती है. ऐसे में वर्क प्लेस को सुरक्षित और हेल्दी बनाने के लिए जागरूकता बढ़ाना जरूरी है. इस दिन दुनिया भर में कार्यक्रमों का आयोजन कर यह संदेश दिया जाता है.

वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क 2024 की थीम  (world day for safety and health at work 2024 Theme)

वर्ल्ड डे फॉर सेफ्टी एंड हेल्थ एट वर्क 2024 की थीम है, ‘जलवायु परिवर्तन और कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य’ (Climate change and safety and health at work). अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने अपनी वेबसाइट पर लिखा है, “जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन तेज होता जा रहा है, दुनिया भर के श्रमिक खुद को अत्यधिक गर्मी, पराबैंगनी विकिरण, वायु प्रदूषण, वेक्टर-जनित बीमारियों और कृषि रसायनों जैसे खतरों के संपर्क में आने के खतरे में पाते हैं.”

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)



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