World Food Safety Day 2023: 7th June Is Celebrated As World Food Safety Day, Check Theme, History And Significance


World Food Safety Day 2023: हर साल 7 जून को ही क्यों मनाया जाता है विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस, जानिए क्या है इतिहास, महत्‍व और इस साल की थीम

साल 2023 के लिए ये थीम है कि ‘खाद्य मानक जीवन बचाते हैं (Food standards save lives)’.

World Food Safety Day: वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे हर साल 7 जून की ही तारीख पर सेलिब्रेट किया जाता है. इस दिन को सेलिब्रेट करने का मकसद लोगों को फूड सेफ्टी (Food Safety) का महत्व समझाना है. इस दिन का मूल उद्देश्य ये है कि लोग खराब खाने से पनपने वाले खतरे को पहचाने और समझ सकें. इस दिन के बारे में थोड़े और विस्तार से समझें तो फूड सेफ्टी के साथ साथ ये दिन स्वास्थ्य(Health), कृषि (Agriculture), मार्केट, आर्थिक विकास और पर्यटन पर भी जोर देता है.

7 जून को क्‍यों मनाते हैं विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस: जानें इतिहास, साल 2023 की थीम और महत्‍व | World Food Safety Day 2023: Theme, History and Significance

वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे का इतिहास (World Food Safety Day: History)

यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली ने 20 दिसंबर 2018 को फूड सेफ्टी डे मनाने का फैसला किया, जिसके लिए तारीख तय की गई 7 जून. इस दिन मनाने का मकसद ये बताया गया कि लोगों को सेफ फूड के अलग अलग फायदे समझाए जा सकें. सबसे पहली बार दुनियाभर में वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे 7 जून 2019 को मनाया गया था. उसके बाद से इस दिन को हर साल मनाने का सिलसिला शुरू हो गया.

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इस साल की थीम (Theme for World Food Safety Day 2023)

वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन हर साल इस खास दिन के लिए थीम तय करता है. साल 2023 यानी कि मौजूदा साल के लिए ये थीम है कि ‘खाद्य मानक जीवन बचाते हैं(Food standards save lives)’.इस थीम के जरिए लोगों को खाने के लिए तय मानकों का महत्व समझाना है. पिछले साल यानी कि साल 2022 के लिए ये थीम थी सेफ फूड बेटर हेल्थ.

क्यों पड़ी जरूरत? (Why is food safety necessary?)

इस दिन को सेलिब्रेट कर लोगों को ये बताना जरूरी समझा गया कि कैसे खाने से पनपने वाली बीमारियां लोगों के लिए खतरा बन रही हैं. हर साल खाने से होने वाली बीमारियों के 600 मिलियन केस सामने आते हैं. जिनमें से तकरीबन 420000 लोग मौत का भी शिकार हो जाते हैं. प्रदूषित या अनसेफ फूड के बढ़ रहे खतरे को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन, फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन और यूनाइटेड नेशन्स ने इस दिन को मनाने का संयुक्त फैसला लिया.

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