World Refugee Day is celebrated on 20st June When did the United Nations start it


हर साल 20 जून के दिन वर्ल्ड रिफ्यूजी डे मनाया जाता है. दुनियाभर में यह दिन शरणार्थियों को सम्मान देने और लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है. दरअसल कई बार ऐसी स्थिति बनती है कि ना जाने कितने हजारों-लाखों परिवार अपने घर से दूर होने के लिए मजबूर हो जाते हैं. संयुक्त राष्ट्र ने ऐसे शरणार्थियों के लिए वर्ल्ड रिफ्यूजी डे मनाने की शुरूआत की थी. आज हम आपको बताएंगे कि इस दिन की शुरूआत कब और कैसे हुई थी. 

वर्ल्ड रिफ्यूजी डे

दुनियाभर में 20 जून के दिन शरणार्थियों के लिए वर्ल्ड रिफ्यूजी डे मनाया जाता है. बता दें कि इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य शरणार्थियों की शक्ति, हिम्मत और दृढ़ निश्चय को स्वीकृति प्रदान करना है. जानकारी के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र ने दिसंबर 2000 में 20 जून को ‘विश्व शरणार्थी दिवस’ यानी वर्ल्ड रिफ्यूजी डे मनाने का फैसला लिया था. इसके बाद से हर साल 20 जून के दिन विश्व शरणार्थी दिवस मनाया जाता है. 

क्या है इसका इतिहास

संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2000 में दिसंबर के महीने में 20 जून को संयुक्त राष्ट्र ने विश्व शरणार्थी दिवस मनाने का फैसला किया था. बता दें कि संयुक्त राष्ट्र में अलग से एक संस्था बनाई गई है, जिसका नाम यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी रखा गया है. संयुक्त राष्ट्र की यह संस्था दुनिया भर के शरणार्थियों की मदद के लिए काम करती है. जिन जगहों पर शरणार्थी रहते हैं, उन्हें कैंप, शिक्षा, मेडिकल समेत अन्य सभी चीजों की सुविधा यूनाइटेड नेशंस हाई कमिश्नर फॉर रिफ्यूजी संस्था पहुंचाने का प्रयास करती है. 

बता दें कि विश्व शरणार्थी दिवस उन लोगों के लिए समर्पित दिन है, जो किसी मजबूरी के कारण अपने घर से बाहर रहने के लिए मजबूर होते हैं और वहां पर कई तरह की परेशानियों का सामना करते हैं. दुनियाभर के कई देशों में देखा गया है कि लोग आपदा, बाढ़,  किसी महामारी,युद्ध के कारण,हिंसा समेत अन्य कारणों से अपना घर छोड़ने के लिए मजबूर हुए हैं. संयुक्त राष्ट्र ने विश्व भर में ऐसे लोगों के मदद और उनके संघर्षों के लिए इस दिन को उनके लिए समर्पित किया है. इतना ही नहीं इन शरणार्थी को प्रेरित किया जाता है, वह दूसरे देशों में जाकर खुद के जीवन को दोबारा से शुरू कर सकते हैं. जिससे उन्हें और उनके परिवार को वहां पर नया जीवन मिले और उन्हें जीवन जीने के लिए बेहतर सुविधाएं भी मिल सके.  

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