Worlds Most Valuable And Strongest Insurance Brands 2024 LIC Worlds Strongest Insurance Brand In Annual Insurance Brand Value Ranking – LIC बना दुनिया का सबसे मजबूत इंश्योरेंस ब्रांड, SBI-HDFC सहित कई दिग्गजों को पीछे छोड़ा: रिपोर्ट
इंश्योरेंस सेक्टर (Insurance Sector) की दिग्गज कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) यानी एलआईसी (LIC) विश्वस्तर पर सबसे मजबूत इंश्योरेंस ब्रांड के रूप में उभरी है. ब्रांड फाइनेंस इंश्योरेंस 100, 2024 की रिपोर्ट के अनुसार, एलआईसी का ब्रांड वैल्यू 9.8 अरब अमेरिकी डॉलर पर स्थिर बना हुआ है. इसके साथ ही ब्रांड स्ट्रेंथ इंडेक्स स्कोर 88.3 और संबद्ध एएए ब्रांड स्ट्रेंथ रेटिंग भी है. ब्रांड फाइनेंस इंश्योरेंस के बयान के अनुसार, एलआईसी के बाद सूची में कैथे लाइफ इंश्योरेंस को दूसरे सबसे मजबूत ब्रांड है. कैथे लाइफ इंश्योरेंस का ब्रांड वैल्यू नौ प्रतिशत बढ़कर 4.9 अरब डॉलर हो गया है. इसके बाद एनआरएमए इंश्योरेंस है, जिसका ब्रांड वैल्यू 82 प्रतिशत बढ़कर 1.3 अरब डॉलर हो गया है.
Table of Contents
वैश्विक रैंकिंग में चीन के इंश्योरेंस ब्रांड का दबदबा
यह भी पढ़ें
रिपोर्ट के अनुसार, चीन के इंश्योरेंस ब्रांड ने वैश्विक रैंकिंग में अपना दबदबा बनाए रखा है. पिंग एन ब्रांड मूल्य में चार प्रतिशत की वृद्धि के साथ 33.6 अरब डॉलर के साथ अग्रणी है. इसके बाद चाइना लाइफ इंश्योरेंस और सीपीआईसी क्रमशः तीसरे और पांचवें स्थान पर हैं.
LIC ने 39,090 करोड़ का प्रीमियम क्लेक्शन किया हासिल
इसके अलावा, एलआईसी इंडिया ने वित्त वर्ष 2022-23 में 39,090 करोड़ रुपये का उच्चतम पहले वर्ष का प्रीमियम क्लेक्शन (LIC Premium Payment) हासिल किया, जबकि एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस (SBI Life Insurance) और एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस (HDFC Life Insurance) ने क्रमशः 15,197 करोड़ रुपये और 10,970 करोड़ रुपये का नया प्रीमियम क्लेक्शन हासिल कर निजी क्षेत्र का नेतृत्व किया.
एलआईसी के शेयर सर्वकालिक उच्चस्तर पर
सरकार ने अगस्त, 2022 से प्रभावी एलआईसी कर्मचारियों के लिए 17 प्रतिशत वेतन संशोधन को मंजूरी दी थी जिससे 1,10,000 से अधिक कर्मचारियों को लाभ हुआ. एलआईसी के शेयर भी 1,175 रुपये के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गया, जिससे यह भारत की सबसे मूल्यवान सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (पीएसयू) बन गई और बाजार मूल्यांकन में एसबीआई को पछाड़कर पांचवीं सबसे मूल्यवान भारतीय सूचीबद्ध कंपनी के रूप में अपनी स्थिति फिर से हासिल कर ली.