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शुभम मरमट / उज्जैन. सनातन धर्म में नवरात्र का पर्व मां दुर्गा को समर्पित है. नवरात्र के दौरान मां दुर्गा के 9 रूपों की विशेष पूजा करने का विधान है. साथ ही सुख और शांति के लिए व्रत भी किया जाता है. हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिप्रदा तिथि से चैत्र नवरात्र की शुरूआत होती है. जो की 9 अप्रैल से शुरू हो रही हैं.

चैत्र नवरात्रि का पांचवा दिन मां दुर्गा की पांचवी शक्ति मां स्कंदमाता है. देवी स्कंदमाता कार्तिकेय यानी कि स्कंद कुमार की माता हैं, इसलिए इन्हें स्कंदमाता नाम दिया गया है. पौराणिक मान्यता है कि स्कंदमाता की आराधना से सूनी गोद जल्द भर जाती है. आइए जानते हैं स्कंदमाता की पूजा विधि.

स्कन्दमाता की कृपा से मिलता है संतान सुख
मां स्कंदमाता अपने भक्तों पर पुत्र के समान स्नेह लुटाती हैं. मां का स्मरण करने से ही असंभव कार्य संभव हो जाते हैं. मां स्कंदमाता की कृपा से संतान सुख मिलता है. जिसके पीछे एक कथा भी मिलती है.

स्कंद का अर्थ
स्कंद का अर्थ होता है ज्ञान को व्यवहार में लाते हुए कर्म करना. स्कंदमाता ऊर्जा का वो रूप है जिसकी उपासना से ज्ञान को व्यवहारिकता में लाकर पवित्र कर्म का आधार बनाया जा सकता है. शास्त्रों में बताया गया है कि इस तरह ये इच्छा शक्ति, ज्ञानशक्ति और क्रिया शक्ति का समागम है. शिव तत्व का मिलन जब त्रिशक्ति के साथ होता है तो स्कंद ‘कार्तिकेय’ का जन्म होता है.

मां स्कंदमाता का मंत्र
ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:
या देवी सर्वभू‍तेषु मां स्कंदमाता रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।
सिंहासना गता नित्यं पद्माश्रि तकरद्वया। शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी।।

ऐसे करे मां की पूजा
ऐसे तो देवी की कृपा छोटी सी पूजा व आराधना से संपन्न हो जाती है. लेकिन, सभी देवियो प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग महत्व भी है. चैत्र नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की पूजा के लिए पवित्र आसन पर बैठकर पूजा करनी चाहिए.माता को भोग में केला अर्पित करना चाहिए. साथ ही माता को पीली वस्तुएं बहुत प्रिय हैं इसलिए माता को खीर में केसर डालकर भोग लगाएं.पूजन करते समय माता को सुहाग का पूरा सामान और लाल फूल अर्पित करना चाहिए. माता का आशीर्वाद पाने के लिए जरूरतमंद को खाना खिलाएं. इससे घर में सुख-शांति आती है और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और माता प्रसन्न होती है व आशीर्वाद के साथ मनोवांछित फल की प्राप्ति भी कराती है.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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