You must have heard about cold store a lot know why fruits and vegetables do not spoil in it
देशभर के अधिकांश शहरों में कोल्ड स्टोरेज बन चुका है. कोल्ड स्टोर में फल,सब्जियां सालों साल रखने से आपूर्ति की दिक्कत नहीं आती है. इतना ही नहीं फल और सब्जियां इससे खराब भी नहीं होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोल्ड स्टोर में फल सब्जियां खराब क्यों नहीं होते हैं? आज हम आपको बताएंगे कि कोल्ड स्टोर में कोई भी फल और सब्जी कितने दिनों तक रखा जा सकता है.
कोल्ड स्टोर
आज के वक्त सब्जियों से लेकर फलों तक को कोल्ड स्टोर में रखा जाता है. इससे एक फायदा ये होता है कि उन फलों और सब्जियों का सीजन नहीं होने के बावजूद बाजार में वो बिकते हैं. दूसरा फायदा ये है कि वो खराब होकर फेंके नहीं जाते हैं. आसान भाषा में ऐसे समझिए कि तीन महीना टमाटर का सीजन है. लेकिन इस साल टमाटर की पैदावार बहुत अच्छी हुई है. तीन महीने में जितना लोग खाएंगे, उससे बहुत अधिक टमाटर हुआ है. अब कंपनी टमाटर खरीदकर कोल्ड स्टोर में रख देती है, जिससे खराब होने वाले टमाटर सुरक्षित हो गए हैं. वहीं साल भर बाजार में टमाटर बिकेंगे.
कोल्ड स्टोर की समय सीमा
बता दें कि हर चीज की एक समय सीमा होती है. ऐसे ही कोल्ड स्टोर में रखे जाने वाले सब्जियों और फलों की भी एक समय सीमा होती है. ऐसा नहीं है कि कोल्ड स्टोर में भी फल और सब्जियां सालों साल तक रखे जा सकते हैं. जानकारी के मुताबिक अधिकांश फलों और सब्जियों की समय सीमा 1 साल तक होती है. 1 साल के बाद कोल्ड स्टोर में भी ये खराब हो सकते हैं.
दरअसल सभी फलों और सब्जियों के भंडारण के लिए अलग-अलग समय तय है. अधिकांश फलों और सब्जियों का भंडारण एक महीने से लेकर 12 महीने तक हो सकता है. हालांकि कुछ सब्जी या फल पेड़ पर पकने के बाद ही तोड़े जाते हैं, वहीं कुछ को पकने से पहले ही तोड़ लिया जाता है. इस कारण भी उनके उपयोग के लिए लंबा समय मिल जाता है.
स्टोर करने का तरीका भी अलग
अधिकांश लोग सोचते हैं कि कोल्ड स्टोरेज में कुछ भी रखने पर वो लंबे समय तक चलेगा. लेकिन ऐसा नहीं होता है. दरअसल सभी फलों, सब्जियों को स्टोर करने का तरीका अलग-अलग होता है. जैसे टमाटर, केले, सेब नाशपाती जैसे फल पेड़ से अलग होने के बाद भी पकते रहते हैं. इसलिए इनके भंडारण तरीका अलग होता है. वहीं टमाटर के मुकाबले सेब को ज्यादा दिनों तक कोल्ड स्टोरेज में रखा जा सकता है. वहीं केले को हवा की जरूरत होती है, नहीं तो जल्दी खराब या पकने की संभावन होती है. वहीं खीरा या ककड़ी, अन्ननास, अंगूर आदि पौधे पर ही पकते हैं और उन्हें पकने के दौरान खास अवस्था में पहुंचने के बाद ही तोड़ लिया जाता है. ऐसे फलों की भंडारण अवधि ज्यादा नहीं हो पाती है.
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