Zakir Hussain Passed Away: तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन, 73 वर्ष की उम्र में कहा दुनिया को अलविदा
Zakir Hussan Passed Away: मशहूर तबला वादक जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में निधन हो गया है. उन्हें अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया था. दैनिक भास्कर और इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, उन्होंने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में आखिरी सांस ली है.
राजस्थान सरकार में मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने अपने ऑफिशियल एक्स हैंडल से पोस्ट कर उनके निधन पर अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है.
Ustad Zakir Hussain’s extraordinary mastery of the tabla has created a timeless legacy in the world of music. My deepest condolences to his family, friends, and the countless admirers whose lives he touched with his artistry. His rhythms will echo in our hearts forever.… pic.twitter.com/FEiWUwwyBA
— Col Rajyavardhan Rathore (@Ra_THORe) December 15, 2024
दिल की बीमारी से जूझ रहे थे जाकिर हुसैन
एक करीबी सूत्र ने एबीपी न्यूज से बताया था कि वो गंभीर रूप से बीमार हैं और उनका इलाज अमेरिका में चल रहा है. वो पिछले कुछ सालों से हार्ट से रिलेटेड बीमारी से जूझ रहे थे. करीब 2 साल पहले उन्हें हार्ट में ब्लॉकेज की वजह से स्टेंट भी लगाया गया था.
कम उम्र में ही जाकिर हुसैन ने सीखा था तबला
जाकिर हुसैन के पिता दिवगंत मशहूर तबला वादक अल्ला रखा खां थे. बता दें कि उन्होंने कई देसी और विदेशी फिल्मों में भी संगीत दिया और फिल्मों के लिए तबला वादन किया. जाकिर हुसैन ने बेहद कम उम्र में ही तबला सीखना शुरू किया था. उन्होंने इसकी प्रैक्टिस 7 साल की उम्र में की थी. और 12 साल की उम्र से ही उन्होंने देश भर में परफॉर्मेंस देनी शुरू कर दी थी.
4 दशक पहले अमेरिका में जा बसे थे जाकिर हुसैन
लगभग चार दशक पहले उस्ताद जाकिर हुसैन पूरी फैमिली के साथ अमेरिका के सैन फ्रांसिस्कों में जा बसे थे. जाकिर खान को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. उनकी ख्याति देश के बाहर विदेशों में भी फैली थी.
जाकिर हुसैन को नवाजा जा चुका है इन अवॉर्ड्स से
जाकिर हुसैन को कई अवॉर्ड्स से नवाजा जा चुका है. उन्हें भारत सरकार ने 1988 में पद्मश्री दिया था. इसके बाद साल 2002 में उन्हें पद्मभूषण भी दिया गया. साल 2023 में पद्मविभूषण जैसे सर्वोच्च पुरस्कारों से भी उन्हें नवाजा जा चुका है.
बता दें कि जाकिर हुसैन को साल 1990 में संगीत का सर्वोच्च सम्मान यानी ‘संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार’ भी दिया जा चुका है.
जाकिर हुसैन ने 4 बार हासिल किया ग्रैमी पुरस्कार
जाकिर हुसैन को सिर्फ देश में ही नहीं विदेश के भी बड़े पुरस्कारों से नवाजा गया है. कंटेम्पररी वर्ल्ड म्यूजिक एलबम कैटगरी में सामूहिक संगीतमय परियोजना/प्रयास के रूप में मशहूर हुए एलबम ‘ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट’ के लिए उन्हें 2009 में 51वें ग्रैमी अवॉर्ड्स से नवाजा गया था.
उस्ताज जाकिर हुसैन को 7 बार ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया जा चुका है. और कमाल की बात ये है कि इनमें से उन्होंने इस अवॉर्ड को 4 बार अपना बनाया था.