zsi Animal Taxonomy Summit 2024 one lakh species covered india made a complete list of animals become first country to do so


ZSI Animal Taxonomy Summit 2024: साल 1916 में 1 जुलाई के दिन ही जूलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की स्थापना हुई थी. आज 1 जुलाई है और जूलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया (ZSI) की स्थापना का 109वां साल. और इसी के लिए भारत के केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव समिट में शामिल होने के लिए कोलकाता पहुंचे.

जूलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया की सालाना आयोजन होने वाली एनिमल टैक्सोनॉमी समिट 2024 में  केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि भारत में 1,04,561 प्रजातियों को कवर किया गया है. और इसी के साथ भारत सभी जीव जंतुओं की लिस्ट बनाने वाला दुनिया का पहला और इकलौता देश बन गया है.

भारत में एक लाख से भी ज्यादा प्रजातियां मौजूद

कोलकाता में जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) के आयोजित एनिमल टैक्सोनॉमी समिट 2024 में भारत सरकार के केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भी शामिल हुए. पहले उन्होंने देश के जैव विविधता संरक्षण के लिए तारीफ की.केंद्रीय मंत्री ने बात करत हुए कहा,’जैव विविधता संरक्षण के मामले में भारत वैश्विक चैंपियन है. हमारे देश की परंपरा, लोकाचार और मूल्य प्रकृति का सम्मान करते हैं और जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देते हैं.’

इसके बाद उन्होंने जीव जंतुओं की चेक लिस्ट के बारे में बात करते हुए बताया कि ‘भारत ने 104,561 जीव जंतुओ की प्रजातियों को कवर किया. भारत ने सभी जीव जंतुओ की एक चेकलिस्ट तैयार की है. इसके साथ ही भारत ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश भी बन गया है.’  इसके साथ ही उन्होंने आगे बात करते हुए कहा कि ‘भारत बायोडायवर्सिटी डॉक्यूमेंटेशन में खुद को दुनिया का सबसे लीडर के रूप में साबित कर रहा है.’

जारी किया गया पोर्टल

कोलकाता के विश्व बांग्ला कंवेंशन सेंटर में आयोजित हुई एनिमल टैक्सोनॉमी समिट 2024 के दौरान केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव भारत के जीवों का चेकलिस्ट पोर्टल भी लॉन्च किया. जिसका नाम ‘फौना ऑफ इंडिया चेकलिस्ट पोर्टल’ जो अपनी तरह का पहला पोर्टल है. जिसमें भारत में पाई जाने वाली सभी जीव प्रजातियों को शामिल किया गया है.

इसके लिए 36 टाइप के फाइला के लिए अलग-अलग और जाने पहचाने क्लासिफिफेशन के आधार पर कुल 121 चेकलिस्ट शामिल की गई हैं. इनमें कुछ ऐसे जीव शामिल हैं  जिनकी प्रजातियां खतरे में है. तो वहीं कुछ ऐसे भी हैं जो पहले से ही मौजूद हैं उन्हें शामिल किया गया है. 

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